देश के 7 प्रमुख शहरों में 2020 में आवास की बिक्री करीब 50 प्रतिशत कम हुई है। एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रमुख 7 शहरों में 2020 में 1,38,350 मकानों की बिक्री हुई है, जबकि 2019 में 2,61,370 मकानों की बिक्री हुई थी। इसमें पिछले साल की तुलना में करीब 47 प्रतिशत गिरावट आई है।
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और बेंगलूरु जैसे प्रमुख आवासीय बाजारों में मकानों की बिक्री में 2020 में करीब 50 प्रतिशत की गिरावट आई है।
मुंबई महानगर क्षेत्र में 44,320 मकानों की बिक्री हुई है, जिसमें पिछले साल की तुलना में 45 प्रतिशत गिरावट आई है। पिछले साल शहर में कुल करीब 80,870 मकानों की बिक्री हुई थी। बेंगलूरु में 2020 में मकानोंं की बिक्री 24,910 के आंकड़ों तक पहुंच पाई, जबकि 2019 में 50,450 मकान बिके थे। बेंंगलूरु में 51 प्रतिशत से ज्यादा की गिरावट आई है। एनसीआर में 2019 में 46,920 मकान बिके थे, जबकि 2020 में बिक्री 51 प्रतिशत गिरकर 23,210 रह गई है।
2020 में नए मकानों की आपूर्ति में पिछले साल की तुलना में 46 प्रतिशत कम हुई है। 2019 में जहां करीब 2.37 लाख मकान आए थे, वहीं 2020 में 1.28 लाख मकान आए। मुंबई और पुणे ने 2020 में आवासीय संपत्तियों की बिक्री को सबसे ज्यादा प्रभावित किया।
अगर आपूर्ति की स्थिति देखें तो 2020 की चौथी तिमाही में प्रमुख शहरों में 52,820 मकान जुड़े, जबकि 2019 की चौथी तिमाही में 51,850 मकान जुड़े थे। इसमें पिछले साल से 2 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। आपूर्ति के मामले में अन्य शहरों की तुलना में हैदराबाद की स्थिति बेहतर रही, जहां इस तिमाही में नई आपूर्ति 12,820 मकानों की रही, उसके बाद मुंबई में 11,910 मकान जुड़े।
शहरों में नई पेशकश बढऩे, बिना बिके मकानों की बिक्री सालाना आधार पर 2 प्रतिशत कम हुई है। 2019 की चौथी तिमाही में 6.48 लाख मकान बिके थे, जबकि 2020 की चौथी तिमाही में 6.38 लाख मकान बिके। बहरहाल 2016 के शीर्ष स्तर से तुलना करें, जब 7 शहरों में बगैर बिके मकानों की संख्या सबसे ज्यादा 7.91 लाख थी, उसकी तुलना में इसमें 19 प्रतिशत गिरावट आई है।
2020 के दौरान 7 शहरों में 1,27,970 नए मकानों की पेशकश हुई, जबकि 2,36,570 मकान बने थे। इस तरह से पिछले साल की तुलना में नए मकानों की पेशकश 46 प्रतिशत कम हुई है।
हैदराबाद एकमात्र ऐसा शहर है, जहां नई पेशकश इस साल बढ़ी है। 2020 में नए मकानों की पेशकश में एमएमआर, पुणे, बेंगलूरु और हैदराबाद प्रमुख रहे, जिनकी कुल नई पेशकश में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी रही।
एनारॉक प्रॉपर्टी कंसल्टेंट्स के चेयरमैन अनुज पुरी ने कहा, ‘कोविड-19 के कारण वर्ष 2020 अप्रत्याशित रहा है। इसकी वजह से तमाम कठिनाइयां आईं। बहरहाल आवासीय क्षेत्र ने बहुत तेजी से गति पकड़ ली है और 2020 की अंतिम दो तिमाहियों में लोगों की मकान खरीदने को लेकर रुचि बढ़ी है। छूट और पेशकश की वजह से मांग को गति मिली है।’
मकानों की बिक्री बढ़ाने के लिए हो स्टांप शुल्क में कटौती : नारेडको
रियल एस्टेट कंपनियों के संगठन नारेडको के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि महामारी के दौरान महाराष्ट्र सरकार द्वारा संपत्तियों के पंजीकरण पर स्टांप शुल्क में कटौती करने के फैसले से आवासीय बिक्री को बढ़ावा मिलेगा और दूसरे राज्यों को भी ऐसा ही फैसला करना चाहिए।
मुंबई स्थित हीराचंदानी समूह के संस्थापक हीरानंदानी ने बताया कि केंद्र को किराए पर घर लेने को प्रोत्साहित करना चाहिए, आवास ऋण पर दिए गए ब्याज पर कर छूट बढ़ानी चाहिए और डेवलपर्स के पास बिना बिके पड़ी प्रॉपर्टी पर कर नहीं लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को 25,000 करोड़ रुपये के विशेष स्वामी निवेश कोष की तर्ज पर और अधिक फंडों की स्थापना करनी चाहिए। स्वामी कोष मध्यम आय वर्ग की आवासीय संपत्तियों को बढ़ावा देने के लिए बनाया गया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र और वित्तीय संस्थानों को इस तरह के पांच कोष, जिनकी कुल राशि 1,25,000 करोड़ रुपये हो, स्थापित करने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने कि आयकर कानून की धारा 43 सीए, जिसे हाल में संशोधित किया गया है, उसे पूरी तरह रद्द कर देना चाहिए। भाषा