देश के विभिन्न भागों में कोविड-19 मामलों में तेजी आने लगी है जिसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति की समीक्षा करने के लिए राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी पात्र बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण करना सरकार की प्राथमिकता है और इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए स्कूलों में विशेष कार्यक्रम चलाए जाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री मोदी ने जोर देकर कहा कि यह स्पष्ट है कि कोरोना की चुनौती पूरी तरह से समाप्त नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यूरोप के देशों के उदाहरण से स्पष्ट है कि ओमीक्रोन और इसके नए नए स्वरूप परेशानी खड़ी कर सकते हैं। ये स्वरूप कई देशों में कोविड के मामले बढ़ा रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत बहुत सारे देशों के मुकाबले परिस्थिति को बेहतर तरीके से संभालने में सक्षम रहा है लेकिन पिछले दो हफ्तों से जिस प्रकार कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं वह दिखाता है कि हमें सतर्क रहने की आवश्यकता है।
उन्होंने राज्यों के लिए नियमित तौर पर निगरानी रखने और डेटा की रिपोर्ट करने, प्रभावी निगरानी की व्यवस्था को बनाए रखने, बुनियादी ढांचे का अद्यतन करने और केंद्र की तरफ से दिए गए धन का इस्तेमाल करने को लेकर बात की। उन्होंने कहा, ‘हमारी प्राथमिकता सभी पात्र बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण करना है। स्कूलों में विशेष अभियान चलाए जाने की भी जरूरत होगी। शिक्षकों और अभिभावकों को इस बारे में अवगत होना चाहिए।’
प्रधानमंत्री ने इस बात का उल्लेख किया कि लंबे समय बाद स्कूल खुले हैं और कहीं कहीं मामलों में इजाफा होने से कुछ अभिभावक चिंतित हैं।
मंगलवार को भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने 12 वर्षों से कम के बच्चों के लिए दो टीकों कोवैक्सीन और कोर्बेवैक्स को मंजूरी प्रदान की। हालांकि, 12 वर्षों से कम के बच्चों को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने के लिए इसमें विस्तार करने की सरकार की तुरंत कोई योजना नहीं है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने कहा, ‘टीकाकरण अभियान में 12 वर्ष से कम के बच्चों को शामिल करने की अब तक कोई योजना नहीं है। इन बच्चों पर कोविड के जोखिम के संबंध में कोई वैज्ञानिक साक्ष्य नहीं है।’