चेन्नई की कंपनी सुपर ऑटो फॉर्ज के 50 से अधिक कर्मचारियों की लंबी कतार लगी हुई थी। कतार में लगे एक कर्मचारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा, ‘तीसरी बूस्टर खुराक लेना अनिवार्य नहीं है। हालांकि, कंपनी के अधिकारी अपने कर्मचारियों से खुद ही उनके अपने परिवार और कार्यस्थल की सुरक्षा के लिए टीकाकरण कराने का आग्रह कर रहे हैं।’
मध्य प्रदेश में 21 से 25 जुलाई के बीच टीकाकरण अभियान का आयोजन होगा। कुमार ने बताया कि केंद्र मुफ्त टीकों का खर्च वहन करेगा और ये टीके राज्य सरकारों को दिए जाएंगे। अन्य राज्यों ने अपनी टीके की जरूरतों से जुड़े आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं। महाराष्ट्र के राज्य टीकाकरण अधिकारी सचिन देसाई ने कहा कि उन्होंने सभी वयस्कों को 75 दिनों तक मुफ्त बूस्टर टीका देने के अभियान को संचालित करने के लिए सभी जिलों को अतिरिक्त खुराक की मांग का आकड़ा जुटाने के लिए कहा है
केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने शुक्रवार सुबह सभी राज्यों के मुख्य सचिवों के साथ एक बैठक की अध्यक्षता की जिसमें 75 दिनों तक मुफ्त एहतियाती बूस्टर खुराक देने के अभियान पर चर्चा की गई। इस वक्त कोविड-19 टीके की 9.7 करोड़ खुराक राज्यों के पास पड़ी हुई है।
राज्यों ने अपनी टीके की जरूरतों से जुड़े आंकड़े जुटाने शुरू कर दिए हैं। महाराष्ट्र के राज्य टीकाकरण अधिकारी सचिन देसाई ने कहा कि उन्होंने सभी वयस्कों को 75 दिनों तक मुफ्त बूस्टर टीका देने के अभियान को संचालित करने के लिए सभी जिलों को अतिरिक्त खुराक की मांग का आकड़ा जुटाने के लिए कहा है। मुंबई में भी बारिश के बावजूद बूस्टर खुराक के लिए उत्साहपूर्ण प्रतिक्रिया देखने को मिली। भारी बारिश के कारण शहर के स्कूल बंद थे लेकिन दादर में टीकाकरण केंद्रों के बाहर लोगों की कतारें लगीं थीं।
संवाद एजेंसी के अनुसार टीके की खुराक की बढ़ती मांग की आशंका के मद्देनजर, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने वैश्विक टीका गठबंधन गावी से कोवैक्स सुविधा के तहत भारत को आवंटित कोविशील्ड की 10 करोड़ खुराकों में से 5 करोड़ की मुफ्त आपूर्ति करने के लिए कहा है। 75 दिनों के इस टीकाकरण अभियान से भारत में टीके की बरबादी कम होने की उम्मीद है। भारत के कुल कोविड-19 टीकाकरण का लगभग 80 प्रतिशत, कोविशील्ड, एस्ट्राजेनेका-ऑक्सफर्ड टीका है जो सितंबर महीने तक समाप्त हो जाएगी क्योंकि इसकी अधिकतम इस्तेमाल की अवधि नौ महीने है और इसके अंतिम बैच दिसंबर में बनाए गए थे। कोविशील्ड की निर्माता कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने इसके बाद टीके बनाना बंद कर दिया क्योंकि उसके पुणे संयंत्र में टीके का काफी भंडार जमा हो गया था।
अनुमानों के मुताबिक एसआईआई की 20 करोड़ कोविशील्ड खुराक सितंबर तक बरबाद हो जाएगी। दूसरी तरफ भारत बॉयोटेक की कोवैक्सीन की समय अवधि 12 महीने है। कंपनी के पास अभी कोवैक्सीन की 5 करोड़ खुराक का स्टॉक है। वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही के दौरान ही कंपनी ने केंद्र सरकार को पूरी आपूर्ति कर दी थी।
18 से 59 आयु वर्ग के बीच बूस्टर खुराक को लेकर कोई खास उत्साह देखने को नहीं मिल रहा है। स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को छोड़कर इस आयु वर्ग में बूस्टक खुराक के लिए पात्र वयस्कों में से केवल एक फीसदी वयस्कों ने ही निजी टीका केंद्र से पैसे देकर टीका लिया है। देश की 135 करोड़ की आबादी में एहतियाती खुराक केवल 8 फीसदी लोगों ने ही ली है जिनमें वरिष्ठ नागरिक, स्वास्थ्यकर्मी, फ्रंटलाइन वर्कर भी शामिल हैं।
भारत ने 10 अप्रैल से सभी वयस्कों को एहतियाती खुराक लेने की अनुमति दे दी थी। इससे पहले सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों, स्वास्थ्य कर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को 10 जनवरी से बूस्टर खुराक लेने की मंजूरी दी थी। पिछले सप्ताह में सरकार ने दूसरी और तीसरी डोज लेने के बीच के समय को भी नौ महीने से घटाकर छह महीने कर दिया। गुरुवार को एक बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विभिन्न यात्रों मार्गों पर, ऑफिस में, रेलवे स्टेशनों, स्कूलों और कॉलेजों में विशेष टीकाकरण शिविर लगाने का आग्रह किया। जिससे 18 और उससे अधिक आयु के सभी वयस्कों को बूस्टर खुराक दी जा सके।
