घर बैठे कीजिए कोरोना संक्रमण की जांच

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 4:36 AM IST

अब कोविड-19 से संक्रमण की जांच के लिए आपको अस्पतालों और जांच केंद्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक रैपिड एंटीजन टेस्ट किट पर मुहर लगा दी है, जिसका इस्तेमाल लोग घर में बैठकर खुद ही कर सकते हैं। पुणे की माईलैब डिस्कवरी सॉल्यूशंस द्वारा विकसित किट ‘कोविसेल्फ’ देश का पहला जांच किट है, जिससे केवल 15 मिनट में नतीजे आ जाएंगे। इसकी कीमत 250 रुपये रखी गई है।
कंपनी हर महीने 4 से 6 करोड़ किट बनाएगी और अगले कुछ हफ्तों में भारत के हर शहर-कस्बे की दवा की दुकानों पर यह किट मिलने लगेगा। आईसीएमआर ने इन किटों के इस्तेमाल के लिए सलाह भी जारी की है। जो लोग इस किट की मदद से स्वयं अपनी जांच करना चाहते हैं उन्हें कोविसेल्फ नाम से एक मोबाइल ऐप्लिकेशन डाउनलोड करना होगा। जांच की प्रक्रिया पूरी करने के बाद जांच पट्टी (टेस्ट स्ट्रिप) की फोटो उसी मोबाइल फोन से खींचनी होगी, जिसमें ऐप्लिकेशन डाउनलोड कर पंजीकरण किया गया है।
आईसीएमार द्वारा जारी निर्देशों में कहा गया है, ‘आपके मोबाइल फोन के इस ऐप्लिकेशन में जानकारी ली जाएगी और एक सुरक्षित सर्वर में सहेजकर रखी जाएगी। यह सर्वर आईसीएमआर के कोविड-19 जांच पोर्टल से जुड़ा होगा। सभी जानकारियां इसी पोर्टल में सुरक्षित रखी जाएंगी। मरीजों की व्यक्तिगत जानकारी साझा नहीं की जाएगी।’
माईलैब के क्लिनिकल डायरेक्टर गौतम वानखेड़े ने कहा कि किट में इस्तेमाल हुआ स्ट्रिप आम तौर पर गर्भधारण की जांच में इस्तेमाल होने वाले स्ट्रिप की तरह ही होता है। इस स्ट्रिप पर सार्स-कोव-2 एंटीजन के प्रति संवेदनशील एंडीबॉडी की परत चढ़ी होती है। उन्होंने कहा, ‘एंटीजन स्ट्रिप पर मौजूद एंटीबॉडी के साथ मिलकर रंग में बदलाव लाता है।’ एंटीजन एक तरह का प्रोटीन होता है। इसमें नाक से नमूना लेकर इसे पहले से भरी नली में डालना होगा और उसके बाद तैयार नमूना टेस्ट स्ट्रिप पर डालना होगा। 15 मिनट के भीतर स्ट्रिप पर एक या दो रेखाएं उभर आएंगी। ये रेखाएं इस बात का संकेत देंगी कि नमूने में सार्स-कोव-2 एंटीजन मौजूद है या नहीं। कोविड-19 संक्रमण की जांच में आरटी-पीसीआर टेस्ट इस समय सबसे उपयुक्त माना जाता है। आरटी-पीसीआर सार्स-कोव-2 वायरस की जीन संरचना का पता लगाता है। ज्यादातर आरटी-पीसीआर किट डीएनए की प्रति (कॉपी) तैयार करते हैं, जिससे वायरस का पता लगाया जा सकता है। माईलैब के प्रबंध निदेशक हंसमुख रावल का मानना है कि आरएटी की मदद से लोग शुरू में ही कोविड-19 संक्रमण का पता लगा पाएंगे।

First Published : May 20, 2021 | 11:12 PM IST