त्योहारी सीजन में कम संक्रमण के आसार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 11, 2022 | 11:55 PM IST

त्योहारी सीजन के दौरान कोविड-19 के मामलों में तेजी दिखने की आशंका इस साल कम दिख रही है। टीकाकरण और अधिक लोगों के पहले ही संक्रमित होने की वजह से इस बार संक्रमितों की तादाद कम रह सकती है। इसकी एक और प्रमुख वजह यह भी हो सकती है कि पिछले साल इसी अवधि के दौरान भारत के कुल कोविड-19 मामले में तेजी दिख रही थी लेकिन संक्रमण दूसरी लहर के धीरे-धीरे खत्म होने के साथ ही इसमें कमी दिख रही है।  स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी इस बात पर सहमति जता रहे हैं। भारत में टीकाकरण से जुड़े राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह (एनटीएजीआई) के प्रमुख एन के अरोड़ा ने कहा कि यहां दो कारक महत्त्वपूर्ण हैं। पहला, यह कि नागरिकों ने निरंतर अनुशासन दिखाया है और कोरोनावायरस के डेल्टा संस्करण से व्यापक स्तर पर लोग पहले ही संक्रमित हो चुके हैं। अरोड़ा ने कहा, ‘अनुशासन अहम है। यहां तक कि अगर एक सार्वजनिक स्थान में 25 प्रतिशत लोग मास्क पहने हुए है तो संक्रमण का संचार कम हो सकता है। ऐसे में समुदाय की भी सराहना की जानी चाहिए।’
 इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ  पब्लिक हेल्थ (आईआईपीएच) के निदेशक दिलीप मावलंकर भी इसी बात पर सहमति जताते हैं। उनका कहना है, ‘भारत में कोरोनावायरस की दूसरी लहर के दौरान डेल्टा संस्करण का कहर बरपा था। प्राकृतिक तरीके से संक्रमण के प्रसार के कारण प्रतिरोधक क्षमता बनी है, साथ ही बड़े पैमाने पर टीकाकरण की वजह से भी त्योहार की अवधि के दौरान कुछ लचीलापन देखा जा रहा है।’ मावलंकर ने कहा कि यह एक पहेली है कि टीकाकरण की अपेक्षाकृत उच्च दरों के बाद भी कुछ देशों में संक्रमण के मामलों में फिर से तेजी क्यों देखी जा रही है?
उन्होंने कहा, ‘इसका संभावित जवाब यह भी है कि भारत में डेल्टा संस्करण का प्रसार पहले ही हो गया।’ इजरायल में (65.1 प्रतिशत टीका लगाया गया है) संक्रमण में वृद्धि देखी जा रही है, वहीं चीन (7.8 प्रतिशत पूरी तरह से 18 सितंबर को टीका लगाया गया) में भी ‘आवर वल्र्ड इन डेटा’ ट्रैकर से भी संक्रमण में वृद्धि का अंदाजा मिल रहा है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड ने त्योहारों के बाद असर का जायजा लेने के लिए तीन बड़े राज्यों के डेटा का विश्लेषण किया जिससे यह अंदाजा मिलता है कि दो राज्यों में संक्रमण में कमी थी। पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा महोत्सव की वजह से पिछले साल की तुलना में संक्रमण के मामलों में थोड़ी वृद्धि हुई है जैसा कि महाराष्ट्र में गणपति महोत्सव के दौरान भी देखा गया। हालांकि केरल में ओणम के बाद संक्रमण के मामलों में वृद्धि देखी गई जो राज्य में दूसरी लहर के बाद सामान्य बढ़त के रुझान के अनुरूप ही था।
पश्चिम बंगाल में 2020 में संक्रमण के मामलों में 29.3 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई थी। वर्ष 2021 में यह बढ़ोतरी महज 2 फीसदी थी। जिन आंकड़ों का विश्लेषण किया गया वे महालया से पहले के सप्ताह के सात दिनों के औसत थे जिसके साथ ही दुर्गा पूजा की शुरुआत होती है। इन आंकड़ों की तुलना विजयादशमी के एक सप्ताह बाद देखे गए संक्रमण के मामलों से की गई जब त्योहार का अंत हो गया। कोविड-19 वायरस के संक्रमण के लक्षण स्पष्ट होने में एक सप्ताह तक का वक्त लगता है।
इसी तरह महाराष्ट्र के गणेश चतुर्थी और अनंत चतुर्दशी के बीच भी जायजा लिया गया। इस साल कोविड के मामले 65.9 फीसदी तक बढ़ गए। वहीं पिछले साल संक्रमण के मामले में 26.6 फीसदी की गिरावट आई। 2020 में ही ओणम के दौरान संक्रमण के मामले 5.5 प्रतिशत बढ़ गए थे। वर्ष 2021 में यह 26.2 प्रतिशत तक था। इसमें प्रत्येक राज्य में लोगों के पहले ही संक्रमित हो जाने की वजह से संक्रमित लोगों के अनुपात में अंतर हो सकता है।  
त्योहारी सीजन से पहले जून और जुलाई में सरकार ने जो सीरो सर्वेक्षण किया था जिससे यह अंदाजा मिला कि केरल में प्रतिरोधक क्षमता कम है। इसका मतलब यह है कि अन्य राज्यों की तुलना में कम लोग बीमारी से संक्रमित हुए हैं। वहीं महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल दोनों में अधिक प्रतिरोधक क्षमता (सीरो-प्रेवलेंस) थी।
 सीरो सर्वेक्षण से पता चलता है कि टीकाकरण और संक्रमण दोनों ही माध्यम से एंटीबॉडी बनी है। केरल में किसी भी राज्य की तुलना में जनसंख्या के अनुपात में टीकाकरण की संख्या अधिक थी जो उनके यहां के विशेष त्योहार वाले सीजन के संक्रमण डेटा से कहीं अधिक है। संक्रमण में तेजी से यह भी अंदाजा मिलता है कि लोग पहले से ही कम संक्रमित हुए होंगे क्योंकि टीकाकरण की तादाद को देखते हुए संक्रमण के मामले कम दिखने चाहिए थे। जमीनी स्तर पर भी अस्पतालों का कहना है कि त्योहारों के बाद मरीजों की भर्ती की मांग में तेजी नहीं देखी गई है। मुंबई के ग्लोबल हॉस्पिटल के वरिष्ठ डॉक्टर हरीश चाफले कहते हैं, ‘सौभाग्य से, त्योहारी मौसम के बावजूद संक्रमण के मामले स्थिर हैं। इससे पहले हमने अनुमान लगाया था कि गणपति महोत्सव के बाद संक्रमण मामलों की संख्या में वृद्धि होगी क्योंकि प्रतिबंधों में ढील दी गई थी। हालांकि टीकाकरण और लोगों में प्रतिरोधक क्षमता बनने की वजह से लोगों में पर्याप्त एंटीबॉडी है। संक्रमण के मामलों में अब गिरावट आ रही है।’
दरअसल, मुंबई के कुछ अस्पतालों ने पहले ही सरकार से संपर्क कर उन्हें कोविड-19 वार्डों को फिर से गैर-कोविड बेड में बदलने की अनुमति मांगी है। शहर के एक अस्पताल से जुड़े अधिकारी का कहना है, ‘सरकार ने हमें आश्वासन दिया है कि दीवाली के बाद वे स्थिति की समीक्षा करेंगे।’

First Published : October 28, 2021 | 10:32 PM IST