केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने आज कहा कि वह दिल्ली उच्च न्यायालय के उस फैसले को चुनौती देगा, जिसमें हाल ही में सरकार द्वारा जारी किए गए दिशानिर्देशों पर रोक लगाई गई थी। इनमें रेस्तरां और होटलों को खाने के बिलों पर स्वचालित रूप से सेवा शुल्क लगाने से मना किया गया था।
उम्मीद की जा रही है कि प्राधिकरण जल्द ही फर्जी और नकली घरेलू उत्पादों के खिलाफ भी राष्ट्रव्यापी कार्रवाई शुरू करेगा। इनके संबंध में गुणवत्ता नियंत्रण के दिशानिर्देश तो थे, लेकिन इन्हें कभी लागू नहीं किया गया। इनमें गीजर, रेफ्रिजरेटर, पानी गर्म करने वाली रॉड आदि जैसी दैनिक उपयोग की वस्तुएं शामिल हैं।
सीसीपीए मेधावी छात्रों के नाम का प्रचार करते हुए उपभोक्ताओं को गुमराह करने वाले कोचिंग सेंटरों और संस्थानों के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहा है।
सेवा शुल्क के संबंध में दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश पर सीसीपीए की मुख्य आयुक्त निधि खरे ने कहा कि अदालत ने सेवा शुल्क से संबंधित 4 जुलाई, 2022 के दिशानिर्देशों पर रोक लगाई है और 25 नवंबर को मामले की आगे की सुनवाई होनी है। खरे ने कहा ‘हम आदेश को चुनौती देने जा रह हैं। हम जांच-परख रहे हैं और उचित कदम उठाएंगे ताकि हमारी सुनवाई हो सके।’
सीसीपीए के 4 जुलाई के दिशानिर्देशों को चुनौती देने वाली नैशनल रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एनआरएआई) और फेडरेशन ऐंड रेस्तरां एसोसिएशन ऑफ इंडिया द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने 20 जुलाई को इस पर रोक लगा दी थी।
न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा ने याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा था कि इस मसले पर विचार करने की जरूरत है और सीसीपीए को अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया था।
