महंगी पड़ सकती है राज्यों की उधारी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 15, 2022 | 2:51 AM IST

जीएसटी मुआवजा के बकाये के भुगतान में केंद्र सरकार की ओर से अक्षम होने के संकेत देने के बाद राज्यों को बॉन्ड बाजार से उधारी बढ़ाने पर बाध्य होना पड़ सकता है। ऐसे में उन्हें बॉन्ड बाजार से उधारी लेना और महंगा पड़ सकता है।
राज्य सरकार के 10 साल के पेपर (जिसे राज्य विकास ऋण-एसडीएल कहा जाता है) पर यील्ड अगस्त में 24 आधार अंक बढ़कर 6.66 से 6.68 प्रतिशत हो गया। तीन साल के एसडीएल पर यील्ड 35 आधार अंक बढ़कर इस महीने 5.09 प्रतिशत हो गया है।
ट्रेजरी और बॉन्ड डीलरों का कहना है यील्ड में बढ़ोतरी की वजह महंगाई की चिंता को लेकर है, वहीं अब राज्यों के पेपर बहुत ज्यादा आने की वजह से 10 साल के भारत सरकार के बेंचमार्क में स्पे्रड हो सकता है। राज्योंं की उधारी सामान्यतया 10 साल की प्रतिभूतियों के माध्यम से होती है। केयर रेटिंग के विश्लेषण के मुताबिक 2020-21 के पहले पांच महीने में करीब 37 प्रतिशत एसडीएल 10 साल के लिए जारी हुए हैं। 3 साल के एसडीएल की दूसरी बड़ी हिस्सेदारी (11 प्रतिशत) और 30 साल के एसडीएल की हिस्सेदारी 8 प्रतिशत है।
चालू वित्त वर्ष में (7 अप्रैल से 25 अगस्त 20) 26 राज्यों व एक केंद्र शासित प्रदेश मेंं कुल मिलाकर बाजार उधारी से 2.7 लाख करोड़ रुपये जुटाए हैं।

First Published : August 28, 2020 | 11:35 PM IST