भारत को ‘मैन्युफेक्चरिंग हब’ बनाने के लिए ईवी पॉलिसी का ऐलान, मिनिमम 50 करोड़ डॉलर का निवेश जरूरी

नीति के तहत किसी कंपनी को कम से कम 50 करोड़ डॉलर (4,150 करोड़ रुपये) का निवेश करना जरूरी होगा। योजना के तहत विभिन्न शुल्क रियायत भी दी जाएंगी।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- March 15, 2024 | 3:31 PM IST

Electric Vehicle Policy : सरकार ने शुक्रवार को भारत को ‘मेन्युफेक्चरिंग हब’ के रूप में बढ़ावा देने के लिए शुक्रवार को इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) पॉलिसी को मंजूरी दे दी।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री ने कहा कि इस नीति के तहत भारत को ईवी के मेन्युफेक्चरिंग डेस्टिनेशन के रूप में बढ़ावा देने और प्रतिष्ठित वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने का प्रयास किया गया है।

नीति के तहत किसी कंपनी को कम से कम 50 करोड़ डॉलर (4,150 करोड़ रुपये) का निवेश करना जरूरी होगा। योजना के तहत विभिन्न शुल्क रियायत भी दी जाएंगी।

मंत्रालय ने कहा, “यह भारतीय उपभोक्ताओं को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी तक पहुंच प्रदान करेगा, ‘मेक इन इंडिया’ (भारत में उत्पादन करो) पहल को बढ़ावा देगा, ईवी कंपनियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देकर ईवी के माहौल को मजबूत करेगा, जिससे प्रोडक्शन की हाई वॉल्यूम, पैमाने की अर्थव्यवस्थाएं, उत्पादन की कम लागत और आयात में कमी आएगी, कच्चे तेल की आयात कम होगी, व्यापार घाटा कम होगा, विशेषकर शहरों में वायु प्रदूषण कम होगा और स्वास्थ्य एवं पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”

(भाषा के इनपुट के साथ)

First Published : March 15, 2024 | 3:05 PM IST