बीमा नियामक ने आज कहा कि स्वास्थ्य बीमा में संशोधन करते समय जनरल और स्वास्थ्य बीमा कंपनियों को किसी विशेष बीमा योजना के मौजूदा लाभों में बदलाव करने और उसमें नए लाभ जोडऩे की अनुमति नहीं दी जा सकती, जिससे अंतत: प्रीमियम में बढ़ोतरी हो सकती है।
लेकिन नियामक ने कहा कि बीमा कंपनियां अपनी बीमा योजना में छोटे बदलाव कर सकती हैं। साथ ही नया लाभ जोडऩे व मौजूदा लाभों का उन्नयन करने की पेशकश एकल प्रीमियम दर के साथ एड-ऑन कवर या वैकल्पिक कवर के रूप में की जा सकती है, जिससे पॉलिसीधारक को पहले से सूचना मिल सके। नियमों के मुताबिक बीमा कंपनियां प्राधिकरण से मंजूरी मिलने के एक साल के भीतर अपने बीमा उत्पाद में कोई संशोधन नहीं कर सकती हैं।