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आपके मोबाइल में ऐसा क्या है, जिससे इतना डरता है पाकिस्तान, पाक सेना?

पाक सेना की 84वींं फॉर्मेशन कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में आम लोगों के मोबाइल से दहशत साफ दिखी। मोबाइल से डरी शहबाज़ शरीफ सरकार ने भी तुरंत फौज की बात मान ली।

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निमिष कुमार   
Last Updated- January 02, 2025 | 3:59 PM IST

खुद को दुनिया की सबसे Strong & attacking फौज कहनेवाली पाक ऑर्मी बुरी तरह से दहशत में है। पाक सेना प्रमुख जनरल मुनीर से लेकर पाकिस्तान फौज के हर आला कमांडर को आम लोगों के हाथ में रहनेवाले मोबाइल से डर लगने लगा है। इतना डर कि पाक फौज के आला-हुक्मरॉनों ने अपना डर पाकिस्तान की शहबाज़ शरीफ सरकार तक को कह डाला। अब पाकिस्तान के अधिकारियों ने सोशल मीडिया पर गलत सूचनाओं के प्रसार को लेकर चिंताओं के बीच फर्जी खबरें फैलाने के लिए लगभग 80,000 सिम कार्ड ब्लॉक किए हैं, सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी।

कैबिनेट डिवीजन के संसदीय सचिव साजिद मेहदी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर झूठी खबरों के प्रसार के संबंध में एक ध्यानाकर्षण नोटिस के जवाब में नेशनल असेंबली को बताया कि फर्जी खबरों के मुद्दे से बेहतर तरीके से निपटने के लिए इलेक्ट्रॉनिक अपराध रोकथाम अधिनियम (पीईसीए), 2016 में सुधार की आवश्यकता भी बताई।
उन्होंने कहा कि इस कानून में संशोधन से झूठी सूचना के प्रसार से संबंधित मामलों की सुनवाई में तेजी आएगी।

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इमरान खान के पीटीआई कार्यकर्ताओं की सोशल मीडिया पर सक्रियता से परेशान

पाक अधिकारियों के मुताबिक पूरी दुनिया फेक न्यूज़ से परेशान है, जिसके चलते वैश्विक एवं घरेलू सुरक्षा को संकट पैदा हो रहा है। पाक अधिकारियों का दावा है कि जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी के विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर पाकिस्तान को इस चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी अपने संदेशों को लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल करती है, जिसे सरकार फर्जी खबर बताती है।

इस बीच, बुधवार को एक अधिकारी ने बताया कि पाकिस्तानी अधिकारियों ने 150 संदिग्धों के खिलाफ मामला दर्ज किया है और उनमें से 22 को गिरफ्तार किया है, जिनमें से अधिकतर खान की पार्टी से हैं। इन पर आरोप है कि उन्होंने 26 नवंबर को इस्लामाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं की हत्या के बारे में सोशल मीडिया पर सेना के खिलाफ संदेश फैलाए थे।

पाक कैबिनेट डिवीजन के संसदीय सचिव साजिद मेहदी ने कहा कि सिम कार्ड ब्लॉक करने, कानूनों में संशोधन करने और संयुक्त कार्य बल (joint task force)की स्थापना करने सहित सरकार के सक्रिय कदमों का उद्देश्य फर्जी खबरों के हानिकारक प्रभावों को कम करना है। संयुक्त कार्य बल ने पहले ही प्रधानमंत्री को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है और इस मुद्दे की गंभीरता को उजागर किया है। टॉस्क फोर्स इस मुद्दे पर अपना काम जारी रखेगा। साथ ही पाक सरकार, ऑनलाइन गतिविधियों की निगरानी और नियंत्रण में सुधार के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) भी पंजीकृत कर रही है।

साजिद मेहदी ने विश्वास जताया कि इन प्रयासों से फर्जी खबरों के प्रसार को रोकने में सुधार होगा। अगस्त 2016 में पहले चरण के दौरान 69,000 से अधिक सिम कार्ड ब्लॉक किए जाने के बाद, पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण (PTA) ने कुछ महीने पहले मोबाइल सिम कार्ड ब्लॉक करने का दूसरा चरण शुरू किया। पहले चरण में, कम्प्यूटरीकृत राष्ट्रीय पहचान पत्र (CNIC) के तहत पंजीकृत सिम कार्ड, जिनकी वैधता 2017 से पहले समाप्त हो गई थी और जिनका नवीनीकरण नहीं किया गया है, को ब्लॉक कर दिया गया।

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पाक सेना को है मोबाइल से सबसे ज्यादा परेशानी

5 दिसंबर को पाकिस्तान सेना के शीर्ष जनरलों ने सशस्त्र बलों को निशाना बनाकर “प्रचार और गलत सूचना” के प्रसार के बारे में चिंता व्यक्त की और सरकार से free speech की आड़ में hate speechऔर ध्रुवीकरण को रोकने के लिए सख्त कानून लागू करने का आग्रह किया था। सेना की मीडिया शाखा इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, रावलपिंडी में जनरल मुख्यालय में सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर की अध्यक्षता में 84वें फॉर्मेशन कमांडर्स कॉन्फ्रेंस के दौरान यह मांग की गई।

पाकिस्तान सरकार के आम लोगों के मोबाइल उपयोग करने से कितनी परेशानी है, ये हाल ही में पाकिस्तान के इस्लामाबाद में हुई SCO Summit के दौरान उजागर हुई। इस इंटरनेशनल सम्मिट के लिए दुनियाभर के राष्ट्र प्रमुखों को पाकिस्तान आना था। इसीलिए उनकी सुरक्षा के लिए इस्लामाबाद में सेना की तैनाती कर दी गई। बस फिर क्या था, सोशल मीडिया में इसे लेकर जो हुआ, वो पाक सेना के आला-अधिकारियों को पसंद नहीं आया और उन्होंने तमाम खबरों को फेक न्यूज़ बता दिया।

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First Published : December 11, 2024 | 8:14 PM IST