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भारत के साथ संबंध सुधारेगा पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया, ग्रीन टेक्नोलॉजी पर होगा विशेष ध्यान

Published by
शाइन जेकब
Last Updated- March 24, 2023 | 11:52 PM IST

ऑस्ट्रेलिया का सबसे बड़ा राज्य पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया जलवायु परिवर्तन और डीकार्बोनाइजेशन प्रौद्योगिकियों को भारत के साथ अपने संबंधों के प्रमुख क्षेत्रों के रूप में देख रहा है। मंत्री ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के नवोन्मेष और डिजिटल अर्थव्यवस्था मंत्री स्टीफन डॉसन ने कहा कि खनन उद्योग का स्वचालन एक और प्राथमिकता है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था 380 अरब ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की है। यह राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में 17 फीसदी का योगदान करती है लेकिन यहां केवल 10 फीसदी ऑस्ट्रेलियाई आबादी निवास करती है।

डॉसन ने कहा कि उनरी सरकार भारतीय कंपनियों और तमिलनाडु के साथ गठजोड़ की तलाश कर रही है। उन्होंने कहा, ‘हमारा ध्यान जलवायु परिवर्तन, डीकार्बोनाइजेशन और खनन उद्योग के स्वचालन पर है।’

डॉसन ने कहा, ‘जैसा कि दुनिया डीकार्बोनाइज करना चाहती है, पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया इस पर भारत सहित भागीदारों के साथ काम करने के लिए विशिष्ट रूप से तैयार है। हमारे खनन क्षेत्र के लिए प्रसिद्ध, हमारे पास रिचार्जेबल बैटरी बनाने के लिए आवश्यक सभी खनिजों की प्रचुरता है। हमें बड़े पैमाने पर हरित हाइड्रोजन का उत्पादन करने के लिए निरंतर और कम लागत वाली नवीकरणीय ऊर्जा मिली हुई है और हमारे उद्योग राज्य को एक स्वच्छ, विविध, समावेशी और जिम्मेदार वैश्विक अर्थव्यवस्था में सबसे आगे रख रहे हैं।’

पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया का लक्ष्य 2050 तक शुद्ध शून्य उत्सर्जन होना है, जो कि 2030 तक नवीकरणीय ऊर्जा के पक्ष में ऊर्जा मिश्रण में एक बड़े बदलाव के साथ हासिल करना चाहता है।

First Published : March 24, 2023 | 11:29 PM IST