अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (America former President Donald Trump) ने 2020 के राष्ट्रपति चुनाव के परिणामों को बदलने के प्रयास करने संबंधी आरोपों को मानने से इनकार कर दिया। ट्रंप यहां की एक संघीय अदालत में पेश हुए।
अगले वर्ष राष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े होने की तैयारी कर रहे हैं Trump
उन्होंने भारतीय मूल के अमेरिकी न्यायाधीश मजिस्ट्रेट मोक्षिला उपाध्याय की अदालत में ‘जुर्म स्वीकार नहीं करने संबंधी याचिका दाखिल की है। ट्रंप अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रपति पद के चुनाव में खड़े होने की तैयारी कर रहे हैं। वह वाहनों के बड़े काफिले के साथ अदालत परिसर पहुंचे। सुनवाई शुरू होने पर न्यायाधीश उपाध्याय ने प्रश्न किया, ‘‘ एक से चार तक के आरोपों पर ट्रंप का क्या कहना है?’’
इस पर अपने वकीलों से घिरे ट्रंप ने कहा, ‘‘कोई अपराध नहीं किया।’’ न्यायाधीश ने ट्रंप को बताया कि उन्हें जाने दिया जाएगा लेकिन इन शर्तों के साथ कि उन्हें जब भी अदालत में बुलाया जाएगा, उन्हें उपस्थित होना होगा।
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ट्रंप को अब अमेरिकी जिला न्यायाधीश तान्या छुटकन की अदालत में 28 अगस्त को पेश होना है, लेकिन उनके पास व्यक्तिगत तौर पर पेशी से छूट का विकल्प मौजूद है। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ 2020 के चुनाव में उनकी हार संबंधी परिणाम को पलटने के प्रयास करने के संबंध में संघीय अदालत ने चार आरोप तय किए। इस साल यह तीसरी बार है जब पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के खिलाफ आपराधिक अभियोग तय किए गए हैं।
अमेरिका के न्याय विभाग के विशेष अधिवक्ता ने 45 पन्नों का अभियोग पत्र जमा किया था जिसपर ग्रैंड ज्यूरी ने महीनों तक सुनवाई की और ट्रंप के कुछ करीबियों के बयान दर्ज किए ताकि पता लगा सके कि उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के तत्कालीन उम्मीदवार जो बाइडन से मिली हार को बदलने के लिए किस तरह की कोशिश की।
ट्रंप पर लगे थे ये आरोप
बाइडन ने उक्त चुनाव में जीत के बाद जनवरी 2021 में राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी। ट्रंप (77) के खिलाफ अमेरिका को धोखा देने की साजिश रचने, गवाहों से छेड़छाड़ करने, नागरिकों के अधिकारों के खिलाफ साजिश रचने और आधिकारिक प्रक्रिया को बाधित करने की कोशिश का अभियोग तय किया गया है।
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अमेरिका के 2020 राष्ट्रपति चुनाव के फैसले को बदलने की नियत से छह जनवरी 2021 को जब संसद बाइडन की जीत की पुष्टि करने वाली थी उस दिन ट्रंप के समर्थकों ने ‘यूएस कैपिटल’ (अमेरिकी संसद भवन) पर हमला किया था।
अभियोग पत्र में कहा गया, ‘‘हार के बावजूद प्रतिवादी (ट्रंप) सत्ता में बने रहने को प्रतिबद्ध था। इसलिए तीन नवंबर 2020 को चुनाव के दिन से करीब दो महीने से अधिक समय तक प्रतिवादी ने झूठ फैलाया कि चुनाव के नतीजे फर्जी हैं और वास्तव में उसने जीत दर्ज की है। ये दावे गलत थे और प्रतिवादी यह जानता था।’’
ट्रंप ने अपने बयान में समर्थकों से कहा कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया गया और उनपर लगे आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। ट्रंप ने उन आरोपों को भी खारिज कर दिया कि 2020 के चुनाव के बाद उन्होंने कुछ गलत किया था।
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