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Fitch ने अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग को घटाकर एए+ किया, जानें क्या है इसके मायने ?

अमेरिका की रेटिंग घटने के बाद से सभी इक्विटी बाजारों में हलचल मच गई है, जिनमें से अधिकांश अग्रणी वैश्विक इक्विटी सूचकांक कमजोर कारोबार कर रहे हैं।

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पुनीत वाधवा   
Last Updated- August 02, 2023 | 10:40 PM IST

रेटिंग एजेंसी फिच (Rating Agency Fitch) ने अगले तीन वर्षों में राजकोषीय गिरावट और ऋण सीमा के संबंध में बार-बार बातचीत का हवाला देते हुए मंगलवार को अमेरिकी सरकार की शीर्ष क्रेडिट रेटिंग को एएए से घटाकर एए+ कर दिया। इस घटनाक्रम से सभी इक्विटी बाजारों में हलचल मच गई है, जिनमें से अधिकांश अग्रणी वैश्विक इक्विटी सूचकांक कमजोर कारोबार कर रहे हैं।

दिन के कारोबार के दौरान एसऐंडपी बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50 एक-एक प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ क्रमशः 65,751.53 और 19,517.55 के स्तर पर पहुंच गए।

अवेंडस कैपिटल पब्लिक मार्केट्स अल्टरनेट स्ट्रैटेजीज के मुख्य कार्याधिकारी एंड्रयू हॉलैंड के अनुसार यह घटनाक्रम अप्रत्याशित है और बाजार को मौजूदा वक्त में इसकी बिल्कुल भी उम्मीद नहीं थी।

हॉलैंड ने कहा कि अमेरिकी क्रेडिट में इस गिरावट का डेट/बॉन्ड बाजार पर ज्यादा असर पड़ेगा। आगे चलकर राजकोषीय प्रतिफल बढ़ने की संभावना है। निवेशक इक्विटी बेचेंगे और निवेश की दृष्टि से सुरक्षित परिसंपत्ति का रुख करेंगे। उन्होंने कहा कि कुछ समय के लिए इससे जोखिम रहित कारोबार को रफ्तार मिल सकती है।

डॉलर सूचकांक भी बढ़कर करीब 102 के स्तर तक  गया

बॉन्ड बाजार में भी इसकी आंच महसूस हुई है। बेंचमार्क 10-वर्षीय बॉन्ड पर अमेरिकी प्रतिफल चार प्रतिशत से अधिक बढ़ा है। डॉलर सूचकांक भी बढ़कर करीब 102 के स्तर तक चला गया।

राष्ट्रपति जो बाइडन और रिपब्लिकन नियंत्रित प्रतिनिधि सभा द्वारा ऋण सीमा समझौते पर पहुंचने के दो महीने बाद फिच की रेटिंग में यह गिरावट सामने आई है। इस समझौते में सरकार की 31.4 लाख करोड़ डॉलर की उधार सीमा को हटा दिया गया था।

फिच ने एक बयान में कहा है कि उसके विचार से जनवरी 2025 तक ऋण सीमा निलंबित करने के लिए जून के द्विपक्षीय समझौते के बावजूद राजकोषीय और ऋण मामलों सहित पिछले 20 वर्षों में प्रशासन के मानकों में लगातार गिरावट आई है।

इस बीच राबोबैंक इंटरनैशनल के लोग भी रेटिंग में इस गिरावट से आश्चर्यचकित हैं और सुझाव देते हैं कि अमेरिका में राजकोषीय नरमी सालों से चल रही है। उन्होंने कहा वैश्विक महामारी के दौरान व्यापक राजकोषीय नीति ने ऋण के पथ को और भी बदतर बना दिया है।

गिरावट का वक्त कुछ हद तक संयोग जैसा

राबोबैंक इंटरनैशनल के वरिष्ठ अमेरिकी रणनीतिकार फिलिप मारे ने एक नोट में लिखा है कि रेटिंग में इस गिरावट का वक्त कुछ हद तक संयोग जैसा लगता है। इससे मूडीज पर ऐसा करने का दबाव बढ़ सकता है, लेकिन वह किसी अच्छी वजह को तरजीह दे सकती है और किसी विशिष्ट घटना की प्रतीक्षा कर सकती है।

इस बीच फिच द्वारा रेटिंग में इस गिरावट का असर केवल एएए वाले सूचकांक ट्रैकर और निवेश फंडों पर ही पड़ सकता है, जिससे बिक्री का दबाव हो सकता है। लेकिन फिलहाल बाजार रेटिंग में इस गिरावट को लेकर आशावादी बने हुए हैं।

First Published : August 2, 2023 | 10:40 PM IST