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Trump ने वॉल स्ट्रीट जर्नल पर ठोका मानहानि का केस, Epstein केस में फर्जी रिपोर्ट का दावा

इस मुकदमे में आरोप है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने ट्रंप को एपस्टीन से झूठा जोड़ा और फर्जी सबूत पेश कर उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- July 19, 2025 | 8:36 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने वॉल स्ट्रीट जर्नल, उसकी पैरेंट कंपनी न्यूज़ कॉर्प, और इसके सीनियर एग्जिक्यूटिव्स – रूपर्ट मर्डोक और सीईओ रॉबर्ट थॉमसन के खिलाफ 10 अरब डॉलर (करीब ₹83,000 करोड़) का मानहानि का मुकदमा दायर किया है। यह मामला जर्नल में छपी उस रिपोर्ट को लेकर है, जिसमें ट्रंप और अमीर फाइनेंसर जेफरी एपस्टीन के पुराने संबंधों का जिक्र किया गया था।

‘फेक न्यूज’ का आरोप, सबूतों की गैर-मौजूदगी पर सवाल

ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ‘ट्रुथ सोशल’ पर इस कानूनी कार्रवाई को ‘पावरहाउस’ बताया और लिखा कि यह केस उन सभी के खिलाफ है जो इस ‘झूठी, बदनाम करने वाली और फेक न्यूज’ रिपोर्ट के लिए जिम्मेदार हैं। ट्रंप ने वॉल स्ट्रीट जर्नल को ‘यूजलेस रैग’ तक कह दिया।

उन्होंने कहा कि यह केस सिर्फ उनकी छवि की रक्षा के लिए नहीं है, बल्कि उन सभी अमेरिकियों के लिए भी है जो ‘फेक न्यूज मीडिया’ की ज्यादतियों को अब और सहन नहीं करेंगे।

रिपोर्ट में ट्रंप के ‘फर्जी लेटर’ का जिक्र

मुद्दा एक ऐसे लेटर से जुड़ा है, जो रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने 2003 में एपस्टीन के 50वें बर्थडे एल्बम में लिखा था। इस लेटर में कथित तौर पर यौन संकेतों वाले शब्द थे और उस पर ट्रंप का नाम और सिग्नेचर होने का दावा किया गया था। लेकिन न तो वह लेटर रिपोर्ट में पूरा दिखाया गया और न ही यह बताया गया कि उसे कहां से और कैसे हासिल किया गया।

ट्रंप ने दावा किया कि उन्होंने ऐसा कोई लेटर लिखा ही नहीं और रिपोर्ट को ‘पूरी तरह से गढ़ा हुआ’ करार दिया। उनकी याचिका में आरोप लगाया गया है कि वॉल स्ट्रीट जर्नल ने जानबूझकर झूठी और बदनाम करने वाली जानकारी छापी और इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई।

ABC और CBS से मिले थे सेटलमेंट, मीडिया पर फिर हमला

ट्रंप ने अपनी पोस्ट में पहले के कुछ ‘कानूनी जीत’ का भी जिक्र किया, जिनमें ABC न्यूज, जॉर्ज स्टेफेनॉपोलस, CBS और 60 मिनट्स जैसे चैनलों से मिले करोड़ों डॉलर के सेटलमेंट शामिल हैं। उन्होंने मीडिया पर ‘घृणित झूठ’ और ‘धोखाधड़ी’ फैलाने का आरोप लगाया और पुलित्जर प्राइज को भी ‘फेक’ बताते हुए उसकी आलोचना की।

एपस्टीन केस में नए डेवलपमेंट

जिस दिन ट्रंप ने केस फाइल किया, उसी दिन डिप्टी अटॉर्नी जनरल टॉड ब्लांच ने एक याचिका दायर कर एपस्टीन और घिसलेन मैक्सवेल से जुड़े ग्रैंड जूरी ट्रांसक्रिप्ट को सार्वजनिक करने की मांग की।

मैक्सवेल को पहले ही एपस्टीन के लिए नाबालिग लड़कियों की भर्ती करने के आरोप में सजा हो चुकी है। एपस्टीन 2019 में जेल में मौत के समय सेक्स ट्रैफिकिंग के आरोपों का सामना कर रहा था।

न्याय विभाग ने कहा है कि वह कुछ संवेदनशील जानकारी को हटाकर कुछ दस्तावेज सार्वजनिक करने के लिए न्यूयॉर्क के प्रॉसीक्यूटरों से काम करेगा। हालांकि, सभी दस्तावेज सार्वजनिक करने की बात पर अब तक कोई पक्का वादा नहीं किया गया है।

ट्रंप समर्थकों में नाराजगी

ट्रंप समर्थकों ने इस मुद्दे पर गुस्सा जाहिर किया है। उनका कहना है कि पारदर्शिता के वादे पूरे नहीं किए गए। कुछ समर्थकों ने ये भी सवाल उठाए कि जब पारदर्शिता की बात की जा रही थी, तो न्याय विभाग ने बाकी दस्तावेजों को सार्वजनिक करने में देरी क्यों की।

ग्रैंड जूरी रिकॉर्ड को रिलीज करने के लिए कोर्ट की अनुमति जरूरी होगी और उसके बाद तय किया जाएगा कि कौन-से हिस्से कानूनन सार्वजनिक किए जा सकते हैं। इन दस्तावेजों में गवाहों के बयान और अन्य अहम सबूत शामिल हो सकते हैं।

First Published : July 19, 2025 | 8:36 AM IST