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टूटा अफगानी छात्राओं का विदेश में पढ़ने का सपना, तालिबान बना रोड़ा

तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज़ होने के बाद वादा किया था कि उसका इस बार का शासन 1990 के दशक की हुकूमत से अधिक उदार होगा।

Last Updated- August 23, 2023 | 10:24 PM IST
Afghanistan women

तालिबान ने पढ़ाई के लिए संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) जाने वाली सैकड़ों छात्राओं को यात्रा की अनुमति नहीं दी है। उन्हें छात्रवृत्ति मुहैया कराने वाले एक समूह ने यह जानकारी दी है। अल हबतूर समूह के प्रमुख खल्फ अहमद अल हबतूर ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, “ मैं कितना मायूस महसूस कर रहा हूं यह मैं बयान नहीं कर पा रहा हूं, क्योंकि जिन्हें मैंने छात्रवृत्ति मुहैया कराई थी, वे दुर्भाग्य से दुबई हवाई अड्डा नहीं पहुंच सकीं।”

अल हबतूर ने कहा कि उन्होंने महिलाओं को दुबई विश्वविद्यालय में पढ़ने का मौका उपलब्ध कराया था। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में दाखिला लेने और रहने की व्यवस्था होने और स्वास्थ्य बीमा समेत सभी चीज़ें पूर्ण होने के बावजूद छात्राओं की आकांक्षाओं को कुचल दिया गया।

तालिबान के प्रवक्ता टिप्पणी के लिए उपलब्ध नहीं थे। अल हबतूर ने सभी पक्षों से संघर्षरत छात्राओं की मदद करने की गुजारिश की। उन्होंने कहा कि यह इंसानियत, शिक्षा, समानता और इंसाफ के सिद्धांत पर प्रहार है।

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तालिबान ने अगस्त 2021 में अफगानिस्तान की सत्ता पर काबिज़ होने के बाद वादा किया था कि उसका इस बार का शासन 1990 के दशक की हुकूमत से अधिक उदार होगा। लेकिन उसने सत्ता संभालने के बाद कड़े प्रतिबंध लगाए हैं।

उन्होंने महिलाओं को सार्वजनिक जीवन के करीब-करीब सभी क्षेत्रों में प्रतिबंधित कर दिया है और उनकी मीडिया स्वतंत्रता पर अंकुश लगाया गया है। उन्होंने छठी कक्षा के बाद लड़कियों के स्कूल जाने पर रोक लगा दी तथा अफगान महिलाओं को स्थानीय और गैर सरकारी संगठनों में काम करने से प्रतिबंधित कर दिया।

First Published - August 23, 2023 | 10:24 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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