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Syria civil war: सीरिया में गिरी सरकार, भविष्य पर सवाल

राष्ट्रपति बशर-अल असद परिवार के 50 साल के शासन का अंत, दमिश्क में लोगों का जश्न

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एजेंसियां   
Last Updated- December 08, 2024 | 11:18 PM IST

Syria civil war: विद्रोहियों के हावी होने के बाद सीरिया में राष्ट्रपति बशर-अल असद राजधानी छोड़ कर चले गए हैं। इसी के साथ असद परिवार के 50 साल के शासन का रविवार तड़के अंत हो गया। सीरियाई लोगों ने दमिश्क की सड़कों पर कारों के हॉर्न बजाकर व गोलियां चलाकर खु​शियां मनाईं।

सीरियाई विपक्षी युद्ध निगरानी संस्था के प्रमुख ने दावा किया कि असद देश छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं। वहीं सीरिया के प्रधानमंत्री मोहम्मद गाजी जलाली ने एक वीडियो बयान में कहा कि वह शासन की बागडोर शांतिपूर्ण तरीके से विपक्ष को सौंपने के लिए तैयार हैं। उन्होंने सीरियाई नागरिकों से सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने का आग्रह किया। सीरिया में भले 14 साल से चले आ रहे गृहयुद्ध का अंत हो गया हो, लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल इस देश के भविष्य पर है और तरह-तरह की आशंकाएं व्यक्त की जा रही हैं।

विपक्ष से जुड़े मीडिया पर प्रसारित फुटेज में राजधानी के केंद्र में स्थित एक चौराहे पर एक टैंक और लोगों का समूह हाथ में सीरियाई झंडे लेकर जश्न मनाता दिखा। लोग राष्ट्रपति भवन और असद परिवार के घरों में घुसकर लूटपाट करते नजर आए। यह 2018 के बाद पहली बार है जब विद्रोही दमिश्क के भीतर पहुंच गए।

प्रधानमंत्री जलाली ने सऊदी टेलीविजन नेटवर्क अल-अरबिया को बताया कि शनिवार रात से असद और सीरियाई रक्षा मंत्री के बारे में कोई जानकारी नहीं है। संयुक्त अरब अमीरात के एक वरिष्ठ राजनयिक ने भी बहरीन में एक सम्मेलन में पत्रकारों द्वारा पूछे जाने पर असद के ठिकाने के बारे में टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। ‘सीरियन ऑब्ज़र्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स’ के रामी अब्दुर्रहमान ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’ को बताया कि असद ने रविवार तड़के दमिश्क से उड़ान भरी।

असद परिवार के शासन का अंत होते ही देश में उथल-पुथल मच गई है। दमिश्क में लोगों ने आवश्यक वस्तुएं एकत्र करनी शुरू कर दी हैं। राजधानी में कई दुकानें बंद हैं और जो खुली हैं उनमें चीनी जैसी जरूरी वस्तुएं भी खत्म हो गई हैं।

सीरिया में युद्ध के दौरान असद के मुख्य समर्थक रहे ईरान के सरकारी टेलीविजन चैनल ने अल जजीरा न्यूज नेटवर्क के हवाले से खबर दी कि असद राजधानी छोड़ चुके हैं। लेबनान से सटी सीमा को बंद कर दिया गया है, ताकि लोग देश नहीं छोड़ सकें। सरकार समर्थक ‘शाम एफएम रेडियो’ ने बताया कि दमिश्क हवाई अड्डे को खाली करा लिया गया है और सभी उड़ानें रोक दी गई हैं।

उन्होंने लोगों से सरकारी संप​त्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने की अपील भी की। इसी के साथ राजधानी दमिश्क में शाम 4 बजे से सुबह 5 बजे तक बंदिशें लागू कर दी गईं। सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन ने सीरिया में व्यवस्थित ढंग से राजनीतिक बदलाव सुनिश्चित करने के लिए जिनेवा में तत्काल वार्ता का आह्वान किया है।

सीरिया में कई जातीय और धार्मिक समुदाय रहते हैं, जो अक्सर असद के शासन और वर्षों के युद्ध के कारण एक दूसरे के खिलाफ खड़े हो जाते हैं। उनमें से कई लोगों को इस बात की आशंका है कि सुन्नी इस्लामी चरमपंथी सत्ता पर कब्जा कर लेंगे। देश अलग-अलग सशस्त्र गुटों में भी बंटा हुआ है और रूस तथा ईरान से लेकर अमेरिका, तुर्किये और इजरायल तक सभी विदेशी ताकतें अपने प्रभाव का इस्तेमाल करती हैं।

विद्रोही समूह के सामने सबसे बड़ी चुनौती अब गृहयुद्ध से तबाह और वि​भिन्न सशस्त्र बलों के बीच बंटे देश को दोबारा खड़ा करने की है। देश के उत्तरी क्षेत्र में तुर्किये सम​र्थित विपक्षी लड़ाके अमेरिकी सहयोग वाले कुर्दिश बलों से लड़ रहे हैं। वहीं इस्लामिक स्टेट समूह अभी भी देश के दूरदराज के क्षेत्रों में पकड़ बनाए हुए है।

सीरिया में विद्रोहियों के अप्रत्याशित हमले की शुरुआत 27 नवंबर को हुई थी जब बंदूकधारियों ने सीरिया के सबसे बड़े उत्तरी शहर अलेप्पो और देश के चौथे सबसे बड़े शहर हमा पर कब्जा कर लिया था। सरकारी बल शनिवार को तीसरे सबसे बड़े शहर होम्स से भी पीछे हट गए, जिसके बाद विपक्षी बलों ने इस पर कब्जे का ऐलान कर दिया।

सीरिया के विद्रोही गुट जिहादी ‘हयात तहरीर अल-शाम’ समूह (एचटीएस) प्रमुख अबू मोहम्मद अल-गोलानी (42) ने गुरुवार को सीरिया से ‘सीएनएन’ को दिए विशेष साक्षात्कार में कहा था कि इस हमले का उद्देश्य असद की सरकार को सत्ता से बेदखल करना है। सीरियाई गृहयुद्ध में लगभग पांच लाख लोग मारे गए हैं और देश की आधी आबादी विस्थापित हो गई है। जैसे-जैसे विद्रोह गृहयुद्ध में तब्दील होता गया, लाखों सीरियाई लोग सीमा पार कर जॉर्डन, तुर्किये, इराक, लेबनान और यूरोप की ओर भाग गए।

असद का शासन

राष्ट्रपति बशर-अल असद सन 2000 में किस्मत के फेर से सत्ता में आए थे। उनके पिता बशर के सबसे बड़े भाई बासेल अल असद को अपना उत्तराधिकारी बनाने की कोशिश में थे, लेकिन 1994 में दमिश्क में एक कार दुर्घटना में बासेल की मौत हो गई।

अपना भविष्य खुद तय करें सीरिया की जनता: ईरान

सीरिया के अपदस्थ हुए राष्ट्रपति बशर अल-असद की सरकार का पुरजोर समर्थन करने वाले ईरान ने कहा है कि सीरियाई लोगों को बिना विदेशी हस्तक्षेप के अपना भविष्य खुद तय करना चाहिए। विदेश मंत्रालय ने असद सरकार गिरने के बाद पहली प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रविवार को बयान जारी किया। ईरान लगभग 14 वर्ष से जारी गृह युद्ध के दौरान असद का कट्टर समर्थक रहा है।

इस बीच, असद सरकार के दूसरे बड़े मुख्य अंतरराष्ट्रीय समर्थक रूस ने भी असद के सत्ता से बेदखल होने पर खेद जताया है। रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने कहा कि उन्हें सीरियाई लोगों के लिए खेद है। रूस के विदेश मंत्रालय ने रविवार को दावा किया कि बशर अल असद विद्रोही समूहों के साथ बातचीत के बाद सीरिया से चले गये थे और शांतिपूर्वक तरीके से सत्ता हस्तांतरण के निर्देश दिए।

मंत्रालय ने रविवार को टेलीग्राम मैसेजिंग ऐप पर एक पोस्ट में कहा कि मॉस्को ने इन वार्ताओं में सीधे तौर पर भाग नहीं लिया है। इसने यह भी कहा कि वह सीरिया में बदलते घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है। दूसरी ओर, अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को सीरिया में सैन्य कार्रवाई से बचना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘यह हमारी लड़ाई नहीं है।’

इजरायल ने सील किया बफर जोन

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा है कि इजराइली सुरक्षा बलों ने सीरिया के साथ 1974 के संघर्ष विराम समझौते तहत गोलान हाइट्स में बनाए गए ‘बफर जोन’ को अपने नियंत्रण में कर लिया है। ‘बफर जोन’ दो शत्रु देशों को एक दूसरे से अलग रखने के लिए बनाया जाने वाला क्षेत्र होता है।

नेतन्याहू ने कहा कि दशकों पुराना समझौता खत्म हो गया है और सीरियाई सैनिक पीछे हट चुके हैं, जिसकी वजह से इजराइली नियंत्रण आवश्यक हो गया था। साल 1967 के पश्चिम एशिया युद्ध के दौरान इजरायल ने गोलान हाइट्स पर कब्जा कर लिया था।

First Published : December 8, 2024 | 11:17 PM IST