पिछले एक साल में लगातार 10वीं बार अमेरिका में कारों की बिक्री का ग्राफा नीचे आया है। कारों की बिक्री में मार्च महीने में 12 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
इस गिरावट के पीछे गैसोलीन की कीमतों में रिकार्ड बढ़ोतरी का खासा योगदान रहा है। कार निर्माता कंपनियों का मानना है कि अर्थव्यवस्था में छाई मंदी की वजह से खरीदार शो रूम के आस पास फटकने से कतरा रहे हैं। अगर कंपनी वार बिक्री के आंकड़ों पर नजर डालें तो पता चलता है कि जनरल मोटर्स की बिक्री में 14 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है।
वहीं फोर्ड मोटर्स कॉरपोरेशन और जापान की टोयोटा मोटर कॉरपोरेशन की बिक्री में 10 फीसदी से अधिक की कमी दर्ज की गई है जो 2008 में सबसे बड़ी गिरावट है। साथ ही होंडा मोटर्स कॉरपोरेशन और निसान मोटर्स कॉरपोरेशन की कारों की बिक्री में भी कमी देखी गई है। जर्मनी की कार निर्माता कंपनी पोर्श एसई जिसकी बिक्री में 25 फीसदी की कमी आई है। कंपनी ने कहा कि बाजार पर मंदी का असर साफ देखा जा सकता है।
फोर्ड समूह के उपाध्यक्ष जिम फार्ले ने कहा, ‘मुझे यह कहने में अफसोस हो रहा है कि आगे स्थितियां और भी बुरी हो सकती हैं। कारों की बिक्री का ग्राफ और नीचे जा सकता है।’ उन्होंने कहा कि इस वर्ष की दूसरी तिमाही कारों की बिक्री के लिहाज से और भी खराब रह सकती हैं। मार्च में कारों की सालाना बिक्री दर घटकर 1.51 करोड़ तक पहुंच गई जबकि ट्रकों के लिए यह दर 1.63 करोड़ रह गई। अक्टूबर 2005 के बाद से यह आंकड़ा सबसे निचले स्तर पर है।
फोर्ड की कारों की बिक्री में जो गिरावट दर्ज की गई है उसकी एक वजह है एफ सीरिज की कारों की बिक्री में मंदी आना। जबकि अब तक अमेरिका में जिन कारों की सबसे अधिक खरीद होती थी उसमें एफ सीरिज की कार शामिल है।
वहीं दूसरी ओर लैंड रोवर की कारों की बिक्री में 17 फीसदी की कमी दर्ज की गई है। वहीं होंडा की कारों में 3.2 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। टोयोटा ने बताया कि उसे लगातार चौथे महीने नुकसान उठाना पड़ा है। कंपनी ने मार्च में कुल 2,17,730 गाड़ियां बेची हैं जो पिछले महीने की तुलना में 10.3 फीसदी कम है।