विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रविवार को कहा कि मेकोंग क्षेत्र में शांति और समृद्धि भारत की ‘एक्ट ईस्ट नीति’ के तहत क्षेत्र के सभी देशों के लिए सुरक्षा और विकास के दृष्टिकोण को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
यहां 12वीं मेकोंग गंगा सहयोग (MGC) तंत्र की बैठक में जयशंकर ने कहा कि निचला मेकोंग क्षेत्र ऐतिहासिक और समकालीन दोनों ही दृष्टि से भारत के लिए बहुत महत्व रखता है।
उन्होंने कहा, ‘हम इस महाद्वीप की प्राचीन नदी सभ्यताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।’
MGC पर्यटन, संस्कृति, शिक्षा के साथ-साथ परिवहन और संचार में सहयोग के लिए भारत और पांच आसियान देशों – कंबोडिया, लाओस, म्यांमा, थाईलैंड और वियतनाम-की एक पहल है।
जयशंकर ने कहा, ‘भारत की एक्ट ईस्ट नीति के तहत क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि को साकार करने के मद्देनजर मेकोंग में शांति और समृद्धि महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।’
उन्होंने कहा, ‘मेकोंग गंगा सहयोग हमारे छह सदस्य देशों के बीच समृद्ध ऐतिहासिक, भौगोलिक और सांस्कृतिक संबंधों में निहित सबसे पुराने उप-क्षेत्रीय सहयोग के रूप में एक विशेष स्थान रखता है।’