अंतरराष्ट्रीय

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने अवमानना ​​मामले में इमरान, फवाद के खिलाफ अभियोग टाला

इमरान पांच अगस्त से जेल में हैं, जब उन्हें तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

Published by
भाषा   
Last Updated- December 19, 2023 | 7:11 PM IST

पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने चुनाव निकाय और मुख्य चुनाव आयुक्त की अवमानना के मामले में मंगलवार को एक बार फिर पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और पूर्व केंद्रीय मंत्री फवाद चौधरी के खिलाफ अभियोग टाल दिया।

दोनों नेताओं के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल करने के लिए निर्वाचन आयोग की चार सदस्यीय पीठ मंगलवार को अडियाला जेल पहुंची, जहां इमरान और फवाद दोनों बंद हैं।

इमरान पांच अगस्त से जेल में हैं, जब उन्हें तोशाखाना मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था।

सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए पूर्व प्रधानमंत्री को आयोग के समक्ष पेश करने से गृह मंत्रालय के इनकार के चलते निर्वाचन आयोग ने छह दिसंबर को इमरान और फवाद के खिलाफ जेल में मुकदमा चलाने का फैसला किया।

पिछले साल, चुनाव निकाय ने मुख्य चुनाव आयुक्त और निर्वाचन आयोग के खिलाफ कथित तौर पर “असंयमित” भाषा का इस्तेमाल करने के चलते पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष, पार्टी के पूर्व नेता असद उमर और फवाद के खिलाफ अवमानना ​​​​कार्यवाही शुरू की थी।

हालांकि, निर्वाचन आयोग के सामने पेश होने के बजाय, तीनों ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में अवमानना ​​​​कार्यवाही को चुनौती दी थी और तर्क दिया था कि चुनाव अधिनियम 2017 की धारा 10, जो अवमानना ​​​​के लिए दंडित करने की आयोग की शक्ति के संबंध में वैधानिक प्रावधान है, संविधान के खिलाफ है।

पीटीआई नेताओं ने उच्च न्यायालयों से आरोपों से राहत की भी मांग की थी। लेकिन जनवरी में, उच्चतम न्यायालय ने आयोग को इमरान, फवाद और उमर के खिलाफ कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी और 21 जून को आयोग ने तीनों के खिलाफ आरोप तय करने का फैसला किया, जो अभी तक नहीं किया गया है।

फवाद को भ्रष्टाचार के एक मामले में चार नवंबर को इस्लामाबाद से गिरफ्तार किया गया था और तब से वह हिरासत में हैं। मंगलवार को नवीनतम घटनाक्रम में, पाकिस्तान निर्वाचन आयोग ने अभियोग को स्थगित कर दिया और सुनवाई 27 दिसंबर तक के लिए स्थगित कर दी।

First Published : December 19, 2023 | 7:11 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)