अमेरिका के वीजा पासपोर्ट की कलेक्शन प्रोसेस में बड़ा बदलाव आया है। अमेरिकी दूतावास, नई दिल्ली ने बताया है कि 1 अगस्त 2025 से कोई भी वीजा आवेदक अपने पासपोर्ट या दस्तावेज़ किसी तीसरे व्यक्ति या प्रतिनिधि के जरिए नहीं ले सकेगा। अब सभी आवेदकों को अपने दस्तावेज़ खुद ही लेना होगा।
बच्चों के लिए विशेष प्रावधान है कि 18 वर्ष से कम उम्र के आवेदकों के पासपोर्ट उनके माता-पिता या कानूनी अभिभावक ही ले सकते हैं, लेकिन उसके लिए दोनों माता-पिता का साइन किया हुआ ओरिजिनल सहमति पत्र लाना जरूरी होगा। स्कैन किए हुए या ईमेल से भेजे गए सहमति पत्र स्वीकार नहीं किए जाएंगे।
जो लोग व्यक्तिगत रूप से पासपोर्ट लेने नहीं आ सकते, उनके लिए दूतावास ने ₹1,200 की फीस पर घर या ऑफिस पर डिलीवरी का विकल्प भी शुरू किया है। इसे ऑनलाइन अपनी प्रोफाइल में जाकर सेट किया जा सकता है।
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अगर तकनीकी समस्या आती है तो “Feedback/Requests” सेक्शन में जाकर स्क्रीनशॉट के साथ अपनी समस्या और डिलीवरी पता भेज सकते हैं। दूतावास ने स्पष्ट किया है कि कॉल सेंटर से संपर्क न करें, बल्कि “Messages” सेक्शन या आधिकारिक वेबसाइट पर जानकारी देखें।
पहले भारत में US वीजा के लिए पासपोर्ट किसी परिवार के सदस्य, दोस्त या ट्रैवल एजेंट से भी लिया जा सकता था। इसके लिए आवेदक को एक ऑथराइजेशन लेटर देना होता था, साथ ही अपनी फोटो आईडी की कॉपी और प्रतिनिधि की वैध आईडी दिखानी होती थी।
बच्चों के मामले में सिर्फ एक साइन किया हुआ सहमति पत्र भी मान्य था, भले ही वह स्कैन किया हुआ या ईमेल से भेजा गया हो। इसका मतलब था कि ज्यादातर आवेदकों को खुद दस्तावेज़ लेने आने की जरूरत नहीं होती थी।
लेकिन अब ये व्यवस्था खत्म हो जाएगी और सभी को अपने पासपोर्ट खुद ही लेना होगा या ऑनलाइन डिलीवरी का विकल्प चुनना होगा।