जेपी मॉर्गन ने बेयर स्टीयर्न्स को खरीदने की घोषणा तो कर दी है पर अब कंपनी स्टीयर्न्स के प्रबंध निदेशकों को रिझाने के लिए नकदी और शेयर प्रोत्साहन देने की कोशिश कर रही है।
जेपी मॉर्गन के अध्यक्ष जेमी डिमोन बेयर स्टीयर्न्स के आला अधिकारियों और शेयरधारको को किसी दूसरी जगह पर जाने से रोकने के लिए तमाम तरीके की जुगत लगा रहे हैं। डिमोन ने कहा कि अधिग्रहण के बाद भी जो कार्याधिकारी कंपनी के साथ जुड़े रहेंगे उन्हें जेपी मॉर्गन के अतिरिक्त शेयर दिए जाएंगे। इस बात की जानकारी बेयर स्टीयर्न्स की न्यूयार्क मुख्यालय में बुधवार को हुई बैठक में शामिल लोगों के हवाले से दी गई है।
बेयर स्टीयर्न्स के एक तिहाई शेयर कंपनी के कर्मचारियों के पास हैं और इस पर खासतौर से वरिष्ठ प्रबंध निदेशकों का दबदबा है। अगर इन अधिकारियों को कंपनी अपनी ओर खींचने में कामयाब रहती है तो जेपी मॉर्गन को अरबपति जोसेफ लुइस से खतरा कुछ कम हो सकता है। लुइस के पास बेयर स्टीयर्न्स के 8.4 फीसदी शेयर हैं और उन्होंने बुधवार को कहा है कि अधिग्रहण के इस प्रस्ताव से वह नाखुश हैं और वह किसी वैकल्पिक उपाय की ओर नजर लगाए हुए हैं।
जब डिमोन से यह पूछा गया कि कया वह अधिग्रहण के लिए प्रस्तावित राशि पर फिर से विचार करेंगे तो उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पुर्नविचार का उनका कोई इरादा नहीं है।निवेशकों की ओर से पैसे वापस निकालने के बाद बेयर स्टीयर्न्स को पूंजी के लिए जेपी मॉर्गन और फेडरल रिजर्व की शरण में जाना पड़ा। बेयर स्टीयनर्स के ऐसे कर्मचारी जिन्हें जेपी मॉर्गन की ओर से नौकरी की पेशकश नहीं की गई है उन्हें 2006 में मिले कंपनसेशन का 25 से 35 फीसदी हिस्सा दिया जाएगा, बशर्ते वे करार के पूरा होने तक कंपनी के साथ बने रहें।
हालांकि, जेपी मॉर्गन ने अभी इस बात का खुलासा नहीं किया है कि वह बेयर स्टीयर्न्स के कितने कर्मचारियों को अपने पास रखेगी।बेयर स्टीयर्न्स के दलाल जो निवेशकों की पूंजी का ध्यान रखते हैं, उन्हें पहले से ही मेरिल लिंच, मॉर्गन स्टैनली और यूबीएस एजी जैसी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों के पास से नौकरी के प्रस्ताव मिल रहे हैं।एक्जीक्युटिव सर्च कंपनी डायमंड कंसल्टेंट एलएलसी के अनुसार मेरिल लिंच ने यह दावा किया है कि इस हफ्ते उसने बेयर स्टीयर्न्स के 12 दलालों को अपनी कंपनी के साथ जोड़ लिया है।
डिमोन ने कहा कि उन्हें बेयर स्टीयर्न्स के कर्मचारियों के लिए अफसोस है। साथ ही उन्होंने कंपनी के कर्मचारियों से यह मांग की कि अब इस कंपनी को नुकसान से वापस निकालने के लिए जेपी मॉर्गन को एक मौका दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि बेयर स्टीयर्न्स के लिए यह स्थिति ठीक सुनामी जैसी ही है।
लुइस ने गत वर्ष सितंबर में बेयर स्टीयर्न्स के शेयर खरीदने शुरू किए थे और उन्होंने करीब 1.26 अरब डॉलर का निवेश किया था। यह जानकारी अमेरिकी प्रतिभूति एवं नियामक कमीशन की ओर से बुधवार को दी गई।
लुइस भी इस सारे मामले से खुश नहीं हैं। वह तो साफ तौर पर कह चुके हैं कि यह प्रस्ताव उन्हें बिल्कुल भी नहीं भाया है। इसी वजह से अटकलों का बाजार गर्म है और काफी कुछ कहा जा रहा है। माना जा रहा है कि लुइस नाखुश होकर इकाई और तीसरे पक्षों को ”कोई और विकल्प ढूंढने के लिए उकसा सकते हैं।”