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AI पर मोदी का मास्टरस्ट्रोक, फ्रांस के साथ करेंगे ‘Paris AI Action Summit’ की मेजबानी

इसका उद्देश्य है कि AI की क्षमता का किस तरह से दोहन किया जाए कि यह सभी के लिए लाभकारी हो और साथ ही प्रौद्योगिकी के असंख्य जोखिमों को नियंत्रित किया जा सके।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- February 09, 2025 | 9:44 PM IST

फ्रांस में होने वाले एक प्रमुख शिखर सम्मेलन में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) की भू-राजनीति पर चर्चा की जाएगी जहां विश्व के नेता, अधिकारी और विशेषज्ञ तेजी से आगे बढ़ रही इस प्रौद्योगिकी के विकास को दिशा देने के लिए प्रतिबद्धता जताएंगे। यह सम्मेलन एआई शासन के इर्द-गिर्द वैश्विक संवादों की श्रृंखला में नवीनतम है, लेकिन यह ऐसे समय में आयोजित किया जा रहा है जब चीन का चर्चित ‘डीपसीक’ चैटबॉट उद्योग जगत में हलचल मचा रहा है।

सम्मिट में आएंगे दुनिया के दिग्गज नेता

अमेरिका के उपराष्ट्रपति जे डी वेंस – जो पदभार ग्रहण करने के बाद पहली बार विदेश यात्रा पर हैं – 10 फरवरी से शुरू होने वाले ‘पेरिस एआई एक्शन समिट’ में भाग लेंगे, जबकि चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपने विशेष दूत को भेजेंगे। राष्ट्रपति चिनफिंग उप प्रधानमंत्री झांग गुओकिंग को भेज रहे हैं, जिन्हें शी के विशेष प्रतिनिधि की भूमिका में पदोन्नत किया गया है। यह 2023 की ब्लेसली बैठक से एक बड़ा कदम है, जब चीन सरकार ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी उप मंत्री को भेजा था।

यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन, 80 देशों के अधिकारियों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ इसमें भाग ले रही हैं, जिनमें जर्मन चांसलर ओलाफ शोल्ज, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ओपन-एआई के सीईओ सैम ऑल्टमैन, माइक्रोसॉफ्ट के अध्यक्ष ब्रैड स्मिथ और गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई शामिल हैं। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क, जो इंग्लैंड के पूर्व कोडब्रेकिंग बेस ब्लेसली पार्क में 2023 के शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे, और ‘डीपसीक’ के संस्थापक लियांग वेनफेंग को आमंत्रित किया गया है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वे दोनों इसमें भाग लेंगे या नहीं। मंगलवार के समापन सत्र में नेताओं और कंपनी प्रमुखों के भाषण देने की उम्मीद है।

फ्रांस के राष्ट्रपति के साथ पीएम मोदी करेंगे मेजबानी

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सह-मेजबानी में आयोजित दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के लिए राष्ट्राध्यक्ष और शीर्ष सरकारी अधिकारी, तकनीकी प्रमुख और शोधकर्ता पेरिस में एकत्र हो रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य यह पता लगाना है कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता की क्षमता का किस तरह से दोहन किया जाए कि यह सभी के लिए लाभकारी हो और साथ ही प्रौद्योगिकी के असंख्य जोखिमों को भी नियंत्रित किया जा सके।

मैक्रों के कार्यालय के अनुसार, आयोजक विभिन देशों को एक संयुक्त राजनीतिक घोषणापत्र पर हस्ताक्षर करने के लिए राजी करने पर काम कर रहे हैं, जिसमें अधिक नैतिक, लोकतांत्रिक और पर्यावरण की दृष्टि से टिकाऊ एआई के लिए प्रतिबद्धताएं जुटाई जाएंगी। लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि अमेरिका इस तरह के उपाय पर सहमत होगा या नहीं।

ChatGPT की सफलता ने किया सोचने पर मजबूर

‘चैटजीपीटी’ की शुरुआत के दो साल से भी अधिक समय बाद, जनरेटिव एआई ने खतरनाक गति से आश्चर्यजनक प्रगति करना जारी रखा है। वह तकनीक, जो सभी उद्देश्यों के लिए चैटबॉट को शक्ति प्रदान करती है, उच्च गुणवत्ता वाले टेक्स्ट, चित्र या वीडियो तैयार करने या जटिल कार्यों को पूरा करने की अपनी क्षमता के साथ जीवन के कई पहलुओं को बदल रही है। पेरिस में एआई सुरक्षा अभी भी एजेंडे में है, जिसमें एक विशेषज्ञ समूह सामान्य प्रयोजन एआई के संभावित बड़े खतरों के प्रति आगाह कर रहा है। लेकिन इस बार आयोजक चर्चा को और अधिक देशों तक विस्तारित कर रहे हैं, और संवाद को अन्य एआई-संबंधित विषयों की एक श्रृंखला तक बढ़ा रहे हैं। पिछले संस्करणों की तरह, यह शिखर सम्मेलन कोई बाध्यकारी विनियमन नहीं देगा।

अब DeepSeek से AI को लेकर चिंतित हुए ग्लोबल लीडर्स

पिछले महीने ‘डीपसीक’ की रिलीज ने दुनिया को चौंका दिया क्योंकि यह पश्चिमी देशों के ‘चैटजीपीटी’ को टक्कर देने की क्षमता रखता है। इसने तकनीकी वर्चस्व को लेकर बीजिंग और वाशिंगटन के बीच व्यापक भू-राजनीतिक टकराव को भी बढ़ा दिया। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ‘डीपसीक’ अमेरिकी प्रौद्योगिकी उद्योग के लिए एक ‘‘चेतावनी’’ है और उनके एआई सलाहकार डेविड सैक्स ने ‘डीपसीक’ पर चोरी किए गए ओपनएआई डेटा का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। ‘डीपसीक’ चैटबॉट ऐप अब जांच का सामना कर रहा है, और कुछ मामलों में, गोपनीयता और सुरक्षा चिंताओं को लेकर अमेरिका तथा कई अन्य देशों में प्रतिबंध लगा दिया गया है।

(एजेंसी इनपुट के साथ) 

First Published : February 9, 2025 | 9:44 PM IST