क्लोस्टर्स-दावोस में स्कीइंग के लिए बने बर्फ ीले रास्ते सूने हैं। होटल खाली पड़े हैं। आसमान में हेलीकॉप्टर नहीं दिख रहे हैं और दुनिया भर के प्रभावशाली और धनाढ्य लोगों के आने पर बजने वाली धुन भी सुनाई नहीं दे रही है। आम तौर पर स्विट्जरलैंड के इस शहर में आयोजित होने वाले विश्व आर्थिक मंच को लेकर खूब चर्चा होती थी लेकिन इस बार नजारा कुछ बदला-बदला सा दिख रहा है। महामारी की वजह से इस बार विश्व आर्थिक मंच का आयोजन 25 से 29 जनवरी को ऑनलाइन किया जाएगा। इसके बाद सिंगापुर में इसकी बैठक होगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 28 जनवरी को वर्चुअल तरीके से इस बैठक को संबोधित करेंगे और रेल एवं व्यापार मंत्री पीयूष गोयल, सड़क एवं राजमार्ग परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी, तेल एवं गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान तथा कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर इसमें शामिल होंगे।
भारतीय उद्योगपतियों में मुकेश अंबानी, सुनील मित्तल, आनंद महिंद्रा, जी किरण कुमार, संजीव बजाज, हरि भरतिया, जयदेव गाला, अजित गुलाबचंद, शोभना कामिनेनी, हेमंत कनोरिया, पवन मुंजाल, सलिल पारेख, जय श्रॉफ, सुमंत सिन्हा और वैशाली सिन्हा आदि ने इस वर्चुअल बैठक में शामिल होने के लिए पंजीकरण कराया है। भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गनर्वर रघुराम राजन भी इसमें शिरकत करेंगे।
चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग, जापान के प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा और फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुअल मैक्रों जैसे वैश्विक नेता इस हफ्ते दावोस बैठक को संबोधित करेंगे। एलर्जी और संचारी रोग के राष्ट्रीय संस्थान (एनआईएआईडी) के प्रमुख एंथनी फौसी भी एक सत्र को संबोधित करेंगे।
मंच के संस्थापक क्लाउस श्वाब ने कहा कि इस साल बैठक का मूलमंत्र ‘भरोसा बहाल’ करना है। विश्व आर्थिक मंच ‘ग्रेट रीसेट इनीशिएटिव’ भी लॉन्च करेगा जिसमें उद्योग के नेता और चर्चित हस्तियां कोविड-19 टीकाकरण, रोजगार सृजन और जलवायु परिवर्तन आदि जैसे अहम मुद्दों पर सार्वजनिक-निजी साझेदारी को किसी से बढ़ावा दिया जाए, उस बारे में चर्चा करेंगे।
श्वाब ने कहा, ‘प्रत्येक लोगों के आत्मसम्मान को ध्यान में रखते हुए नया सामाजिक संपर्क विकसित करना बेहद आवश्यक है।’ उन्होंने कहा, ‘वैश्विक स्वास्थ्य संकट ने सामाजिक जुड़ाव की हमारी पुरानी व्यवस्था की अनिश्चितता, समान अवसर की कमी और समावेशन की कमी को उजागर किया है। हमें नए सामाजिक संपर्क विकसित करने की जरूरत है।’
बैठक में प्रत्येक दिन ग्रेट रीसेट इनीशिएटिव के पांच में से एक पर केंद्रित होगा। 25 जनवरी की बैठक में डिजाइनिंग, टिकाऊपन और लचीली आर्थिक प्रणाली विषय पर चर्चा की जाएगी। इसके बाद जिम्मेदार औद्योगिक बदलाव एवं विकास, वैश्विक लोक प्रबंधन में सुधार, चौथी औद्योगिक क्रांति के तकनीक को काम में लाने और वैश्विक एवं क्षेत्रीय सहयोग पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।
श्वाब ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित एशियाई नेताओं के वक्तव्यों को ध्यान से सुना जाएगा क्योंकि आने वाले वर्षों में एशिया ही दुनिया की अगुआई करेगा। उन्होंने कहा कि इसकी कल्पना नहीं की थी कि एक दिन यह सम्मेलन ऑनलाइन होगा।