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उत्सर्जन को वर्ष 2050 तक ‘नेट जीरो’ तक पहुंचाएं प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले देश : G-7

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भाषा   
Last Updated- May 21, 2023 | 8:23 AM IST

जी-7 देशों ने भारत और चीन समेत सभी प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से उत्सर्जन को 2050 तक ‘नेट जीरो’ तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध होने की अपील की। साथ ही, यह भी कहा कि ये देश 2025 तक अपने कार्बन उत्सर्जन के लक्ष्य को पूरा कर लें।

एक बयान के अनुसार, जी-7 देशों ने जलवायु परिवर्तन से निपटने में विकासशील और गरीब देशों की मदद के लिए इस साल (2020 से 2025 तक के लिए) जलवायु वित्त में 100 अरब अमेरिकी डॉलर जुटाने के सिलसिले में विकासशील देशों के साथ मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जताई है।

हालांकि, जापान के हिरोशिमा में जी-7 नेताओं की बैठक के बाद शनिवार को जारी विज्ञप्ति में इस बात का जिक्र नहीं है कि 2025 के बाद की अवधि के लिए यह राशि बढ़ाई जाएगी या नहीं। जी-7 में अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, कनाडा और जापान शामिल हैं। जापान ने समूह की अपनी अध्यक्षता के तहत भारत और सात अन्य देशों को शिखर सम्मेलन में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था।

बयान में कहा गया है, “हम सभी पक्षों से आह्वान करते हैं कि वे यूएनएफसीसीसी-सीओपी28 में वैश्विक जीएचजी उत्सर्जन को तुरंत और 2025 तक चरम पर पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हों।” क्वाड देशों ने प्रौद्योगिकी डिजाइन, विकास, शासन और उपयोग पर ‘क्वाड’ सिद्धांत भी पेश किये, ताकि लोगों के जीवन को अधिक सुरक्षित और समृद्ध बनाया जा सके।

First Published : May 21, 2023 | 8:23 AM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)