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Interview: अमेरिका, चीन के साथ भारत भी हमारे लिए अहम्

मिरै ऐसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स के अध्यक्ष एवं मुख्य वैश्विक अधिकारी यंग किम का साक्षात्कार

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अभिषेक कुमार   
Last Updated- March 13, 2025 | 10:19 PM IST

मिरै ऐसेट ग्लोबल इन्वेस्टमेंट्स के अध्यक्ष एवं मुख्य वैश्विक अधिकारी यंग किम का कहना है कि कंपनी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप में और अधिक भारत-केंद्रित फंड पेश करके देश में अपनी उपस्थिति बढ़ाने की कोशिश कर रही है। अभिषेक कुमार के साथ साक्षात्कार में किम ने कहा कि भले ही अल्पावधि में निवेशकों की दिलचस्पी अमेरिका और चीन में एआई तथा टेक शेयरों में बढ़ी है, लेकिन भारत वैश्विक निवेशकों के लिए आकर्षक दीर्घावधि अवसर बना हुआ है। बातचीत के मुख्य अंश:

भारत में वृद्धि के अगले दौर के लिए आपकी क्या योजनाएं हैं?
हमें पक्का भरोसा है कि भारत की सफलता की कहानी और ज्यादा मजबूत होगी और हम इसका हिस्सा बनना चाहेंगे। उदाहरण के लिए, समूह की मिरै ऐसेट कैपिटल मार्केट्स ने पिछले साल शेयरखान को खरीदा था। हमारी एनबीएफसी और वैकल्पिक निवेश क्षेत्र में भी मौजूदगी है। इन व्यवसायों के बीच तालमेल बनाने के प्रयास जारी हैं। ईटीएफ दूसरा फोकस क्षेत्र है। हम ईटीएफ को न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी गेम-चेंजर के रूप में देखते हैं।

आप भारतीय बाजार को किस तरह से देखते हैं? क्या अपने अंतरराष्ट्रीय ग्राहकों के लिए ज्यादा भारत-केंद्रित योजनाएं पेश कर यहां अपनी उपस्थिति का लाभ उठाने का इरादा है?
वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति बहुत अच्छी है। पिछले कुछ सालों में तेजी के बाद बाजार में हाल में थोड़ी कमजोरी आई है। जहां वैश्विक स्तर पर अमेरिका और चीन में आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) और टेक्नोलॉजी शेयरों पर फोकस किया जा रहा है, वहीं भारत दीर्घावधि निवेशकों के लिए एक अच्छा अवसर है। फंडामेंटल मजबूत हैं। कंपनियां यहां अपना उत्पादन ला रही हैं। यह बड़ी बात है। हम अंतरराष्ट्रीय बाजारों – अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप के लिए भारत-केंद्रित योजनाएं लॉन्च करके इसका फायदा उठा रहे हैं। हमारा मानना है कि यदि आप एक दशक के लंबे समय के साथ ऊंची वृद्धि वाले उभरते बाजार में निवेश करना चाहते हैं, तो भारत ही सबसे बेहतर विकल्प है।

आपके वैश्विक पोर्टफोलियो में भारतीय बाजार की क्या स्थिति है? कारोबार के लिहाज से क्या यह आपके शीर्ष तीन बाजारों में से एक है?
भारत हमारे लिए अमेरिका और चीन के साथ शीर्ष पर है। यह एक बड़ी अर्थव्यवस्था है, जिसके 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का अनुमान है और उभरते बाजारों में इसका आकार बेमिसाल है। छोटे बाजारों में खुद को फैलाने के बजाय भारत पर ध्यान केंद्रित करना उचित है क्योंकि यह बहुत कुछ मुहैया कराता है।

क्या आप अपने वैश्विक फंडों में एआई या टेक्नोलॉजी जैसे विशेष निवेश थीमों पर ध्यान बढ़ा रहे हैं?
एआई एक बहुत बड़ा अवसर है। यह हर चीज में बदलाव ला रहा है। हम सिर्फ इसमें निवेश ही नहीं कर रहे हैं, खुद इसका इस्तेमाल भी कर रहे हैं। एआई ने बड़ी तादाद में डेटा का विश्लेषण आसान बना दिया है। वैश्विक स्तर पर हमने एआई-संचालित कंपनियों में निवेश किया है। जैसे ऑस्ट्रेलिया में स्टॉकस्पॉट नामक रोबोट-सलाहकार फर्म। अमेरिका में भी एआई-प्रबंधित ईटीएफ पेश करने की योजना है। यह सिर्फ अमेरिका या चीन की बात नहीं है, भारत भी इसका हिस्सा है।

संभावित अमेरिकी टैरिफ जैसी अनिश्चितताओं के साथ आप वैश्विक इक्विटी के लिए जोखिमों का आकलन कैसे करते हैं और क्या इससे आपकी रणनीति प्रभावित होती है?
टैरिफ के बारे में बातचीत से बहुत अनिश्चितता लगती है जो इक्विटी बाजारों के लिए अच्छी बात नहीं है। इस पूरी अनिश्चितता ने बाजारों को हिलाकर रख दिया है क्योंकि इक्विटी को बढ़ने के लिए स्थिरता की जरूरत होती है। लेकिन यह सब बुरा नहीं है क्योंकि यह समझदार निवेशकों के लिए खरीदारी का अवसर मुहैया करा सकता है। हम बारीकी से नजर रख रहे हैं। लेकिन हमारी रणनीति दीर्घावधि से जुड़ी है।

First Published : March 13, 2025 | 10:08 PM IST