तंजानिया स्वच्छ ईंधन से खाना बनाने को बढ़ावा देने के लिए भारत की एलपीजी सब्सिडी व्यवस्था को अपनाने के बारे में विचार-विमर्श कर रहा है। तंजानिया के उप-प्रधानमंत्री व ऊर्जा मंत्री डोटो मशाका बिटेको ने बताया कि उनके देश ने भारत के विनिर्माताओं को सौर ऊर्जा पैनल व उपकरणों का संयंत्र लगाने और सौर परियोजनाओं में निवेश के लिए आमंत्रित किया है।
तंजानिया असल में भारत का अफ्रीका में दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। तंजानिया का उद्देश्य स्वच्छ ईंधन से खाना बनाने वाले परिवारों की हिस्सेदारी मौजूदा 6.9 फीसदी से बढ़ाकर वर्ष 2030 तक 75 से 80 फीसदी करना है। इसके अलावा यह देश पनबिजली पर निर्भरता को कम करने के लिए सौर ऊर्जा के उत्पादन को 58 फीसदी से बढ़ाकर 70 फीसदी करना चाहता है।
भारत ने अपनी 70 फीसदी आबादी को खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन और तकनीक सफलतापूर्वक मुहैया कराई है। इसके अलावा बीते साल अक्टूबर में भारत की नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता 200 गीगावॉट को पार कर गई है। भारत का लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावॉट ऊर्जा गैर जीवाश्म स्रोतों से हासिल करना है।
बिटेको ने भारत यात्रा के दौरान बिज़नेस स्टैंडर्ड को दिए साक्षात्कार में बताया, ‘हमारे पास स्वच्छ ईंधन से खाना बनाने की रणनीति है और यह हमारी शीर्ष प्राथमिकता भी है। हमने हाल में क्लीन कुकिंग पर ध्यान केंद्रित करते हुए तंजानिया के लिए ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर किया है। इस ढांचे में स्वच्छ ऊर्जा की ओर बढ़ने के महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य को रेखांकित किया गया है। भारत के पास खाना बनाने की स्वच्छ तकनीक जैसे सौर चूल्हा और बायोगैस प्रणाली के साथ-साथ सब्सिडी तंत्र भी है। यह महत्त्वपूर्ण बात है; मेरा प्रतिनिधिमंडल और मैं इसे जानना और व्यावहारिक रूप से लागू करना चाहते हैं।’