भारत के चंद्र अभियान में 2 माह की देरी

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 05, 2022 | 4:23 PM IST

चंद्रमा के अध्ययन के लिए भारत के  पहले अभियान में कम से कम 2 महीने की देरी हो सकती है। स्पेस एजेंसी को अंतरिक्ष यान के  सभी परीक्षण पूरा करने में अभी इतना वक्त लगेगा।
संसद में जारी एक वकतव्य में प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि मानव रहित चंद्रयान-1 को लाँच करने में अभी देर है। इसका प्रस्तावित समय अप्रैल था, लेकिन अब इसे जून-जुलाई में भेजा जा सकेगा, क्योंकि जरूरी परीक्षण और विभिन्न तकनीकी पहलू की जांच अभी बाकी है। यह परीक्षण मिशन की सफलता को ध्यान में रखते हुए जरूरी है।
पृथ्वी के इस उपग्रह के लिए नासा भी अभियान चला रहा है। उसने एक अक्टूबर से शुरू होने वाले अभियान के लिए 3 प्रतिशत बजट राशि बढ़ाए जाने की मांग की है, जिससे आदमी को भी चांद पर भेजा जा सके। इसका संशोधित बजट इस माह अमेरिकी कांग्रेस को भेजा जा चुका है। चीन के पहले चंद्रयान ने भी लांच किए जाने के एक महीने बाद यानी नवंबर से चित्र भेजने शुरू कर दिए हैं।
इस अभियान के चेयरमैन माधवन नायर ने मई में दिए एक साक्षात्कार में कहा था कि इंडियन स्पेस रिसर्च आर्गेनाइजेशन ने 3.86 अरब रुपये का चंद्र अभियान बजट बनाया था। इस अभियान चंद्रमा के सतह पर मौजूद केमिकल्स और खनिज पदार्थों की जानकारी स्पेक्ट्रोमीटर और अत्याधुनिक मैपिंग कैमरों के माध्यम से की जानी है। राज्य द्वारा संचालित स्पेस एजेंसी की वेबसाइट में लिखा गया है कि अंतरिक्षयान में 11 वैज्ञानिक उपकरणों को भेजा जाएगा, जिसमें 5 भारतीय और 6 अमेरिका, यूरोप और बल्गारिया के हैं।  चव्हाण ने कहा कि इस पर आने वाले खर्च को विभिन्न एजेंसियों के माध्यम से पूरा किया जाएगा। सैटेलाइट पर काम, योजना के मुताबिक चल रहा है। भारत अपने चंद्र अभियान को चीन और जापान की बराबरी पर लाना चाहता है। इसके लिए रूस के  साथ संयुक्त चंद्र अभियान की भी कोशिश की जा रही है। भारत, चंद्रमा पर मानवयुक्त यान भेजने के लिए अलग से भी कोशिश कर रहा है।

First Published : February 27, 2008 | 10:55 PM IST