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ब्रिटेन-ऑस्ट्रेलिया जाएंगे भारतीय छात्र

Last Updated- December 11, 2022 | 8:41 PM IST

वर्ष 2021 में कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की तादाद में कई गुना बढ़ोतरी देखी गई जिनमें विशेष रूप से भारतीय छात्रों की संख्या थी। इस साल अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या बढ़ सकती है। आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से नवंबर 2021 की अवधि के लिए भारतीय छात्रों (120,000 से अधिक) को जारी किए गए नए अध्ययन परमिट में 300 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि 2020 में भारतीय छात्रों की तादाद लगभग 30,000 थी।
ब्रिटेन की उच्च शिक्षा सांख्यिकी एजेंसी (एचईएसए) ने भारत से माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के बाद प्रथम वर्ष के छात्रों के नामांकन में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जो 2020-21 के स्कूल वर्ष में 53,000 से अधिक हो गई। लेकिन, जुलाई 2021 से जनवरी 2022 की अवधि के दौरान ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए प्राथमिक आवेदक छात्र वीजा की संख्या में 62 प्रतिशत तक की कमी आई और यह जुलाई 2020 से जून 2021 में पूरे साल 37,154 की तुलना में कम होकर 14,146 भारतीय छात्र तक सिमट गई। शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच अप्लाईबोर्ड में महाप्रबंधक और भारतीय परिचालन के प्रमुख करुन्न कंदोई ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘सरकारी आंकड़ों के आधार के लिहाज से देखा जाए तो भारतीय छात्रों के बीच कनाडा और ब्रिटेन में अध्ययन करने की मांग बढ़ती रहेगी।’
वह कहते हैं, ‘महामारी के चलते कनाडा और अमेरिका जाने वाले छात्रों की तादाद 2020 में काफी कम हो गई लेकिन फिर से कनाडा में यह तादाद बढ़ रही है ऐसे में शुरुआती संकेत अमेरिका में भी इसी तरह की तेजी के संकेत देते हैं। ब्रिटेन को लेकर भी बेहतर रुझान दिख रहे हैं क्योंकि महामारी में कमी आने की वजह से इस तरह की संभावनाएं मजबूत हुई हैं। हालांकि, हम अब भी पूरे नजरिये की समीक्षा करने के लिए 2021 के डेटा का इंतजार कर रहे हैं।’
विदेशी शिक्षा सलाहकारों मसलन लीवरेज एडु के संस्थापक और सीईओ (मुख्य कार्याधिकारी) अक्षय चतुर्वेदी का कहना है कि 2022 के मौजूदा प्रवेश सत्र में ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में पलड़ा झुक सकता है। चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया अपनी सीमाओं को खोल रहा है और इसके साथ ही ब्रिटेन ने अपने पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा मानदंडों में संशोधन किया है ताकि उन्हें छात्रों के अनुकूल बनाया जा सके। इस बीच, कनाडा में कुछ कॉलेज बंद हो गए हैं ऐसे में लीवरेज एडु के मौजूदा आवेदन में शुरुआती रुझान में उलटफेर दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘2020 और 2021 में ऑस्ट्रेलिया जाने के इच्छुक कई छात्रों को सीमाओं के बंद होने की वजह से कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका को चुनना पड़ा। अब, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा में विस्तार करने की घोषणा की है और कनाडा को कुछ विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में 2022 का प्रवेश सत्र पिछले साल की तुलना में थोड़ा अलग हो सकता है।’
फिर भी, पूर्ण संख्या के संदर्भ में अमेरिका में जाने वाले भारतीय छात्रों की सबसे अधिक संख्या हो सकती है। ओपन डोर्स रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारतीय छात्रों में अमेरिका में लगभग 20 प्रतिशत विदेशी छात्र शामिल थे जिसमें 2020-2021 शैक्षणिक वर्ष के 167,582 छात्र थे। विदेश में अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों के लिए भारत का सबसे बड़ा मंच योकेट के सह-संस्थापक, तुमुल बुच भी चतुर्वेदी के आकलन से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि न केवल ब्रिटेन ने पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा नीति को बदला है जिससे वहां जाने वाले छात्रों की संख्या में दो-तीन गुना वृद्धि हुई है बल्कि अमेरिका ने भी हाल ही में वीजा साक्षात्कार को खत्म कर दिया है। वीजा अब केवल दस्तावेजों के आधार पर जारी किया जाएगा जैसा कि अन्य जगहों के लिए किया जाता है।
बुच ने कहा, ‘ये अच्छे बदलाव हैं और इससे छात्रों और उद्योग की मदद होगी। हमारे आवेदनों की संख्या अब तक सबसे अधिक रही है। अमेरिका हमारे लिए 2022 के लिए प्रमुख जगह होगा।’ अप्लाइडबोर्ड द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में भी पाया गया कि जुलाई 2021 में घोषित यूके के नए ग्रैजुएट रूट से भारत के अधिक छात्रों देश में जा सकते हैं। अप्लाईबोर्ड के कन्दोई का कहना है, ‘नए ग्रैजुएट रूट के तहत जिन छात्रों को ब्रिटेन से स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री हासिल होती है वे अपनी डिग्री लेने के बाद दो साल तक देश में रहकर आवेदन करने के लिए सक्षम हैं।’
इसके अलावा जिन छात्रों ने अपनी पीएचडी पूरी कर ली है वे देश में काम का अनुभव हासिल करने के लिए तीन साल तक ब्रिटेन में रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अप्लाइडबोर्ड ने पिछले साल की तुलना में 2021 में ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

First Published - March 20, 2022 | 11:10 PM IST

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Last Updated- December 11, 2022 | 8:41 PM IST

वर्ष 2021 में कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की तादाद में कई गुना बढ़ोतरी देखी गई जिनमें विशेष रूप से भारतीय छात्रों की संख्या थी। इस साल अमेरिका के साथ-साथ ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या बढ़ सकती है। आव्रजन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) के आंकड़ों के मुताबिक जनवरी से नवंबर 2021 की अवधि के लिए भारतीय छात्रों (120,000 से अधिक) को जारी किए गए नए अध्ययन परमिट में 300 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि 2020 में भारतीय छात्रों की तादाद लगभग 30,000 थी।
ब्रिटेन की उच्च शिक्षा सांख्यिकी एजेंसी (एचईएसए) ने भारत से माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के बाद प्रथम वर्ष के छात्रों के नामांकन में 34 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जो 2020-21 के स्कूल वर्ष में 53,000 से अधिक हो गई। लेकिन, जुलाई 2021 से जनवरी 2022 की अवधि के दौरान ऑस्ट्रेलिया द्वारा दिए गए प्राथमिक आवेदक छात्र वीजा की संख्या में 62 प्रतिशत तक की कमी आई और यह जुलाई 2020 से जून 2021 में पूरे साल 37,154 की तुलना में कम होकर 14,146 भारतीय छात्र तक सिमट गई। शिक्षा प्रौद्योगिकी मंच अप्लाईबोर्ड में महाप्रबंधक और भारतीय परिचालन के प्रमुख करुन्न कंदोई ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘सरकारी आंकड़ों के आधार के लिहाज से देखा जाए तो भारतीय छात्रों के बीच कनाडा और ब्रिटेन में अध्ययन करने की मांग बढ़ती रहेगी।’
वह कहते हैं, ‘महामारी के चलते कनाडा और अमेरिका जाने वाले छात्रों की तादाद 2020 में काफी कम हो गई लेकिन फिर से कनाडा में यह तादाद बढ़ रही है ऐसे में शुरुआती संकेत अमेरिका में भी इसी तरह की तेजी के संकेत देते हैं। ब्रिटेन को लेकर भी बेहतर रुझान दिख रहे हैं क्योंकि महामारी में कमी आने की वजह से इस तरह की संभावनाएं मजबूत हुई हैं। हालांकि, हम अब भी पूरे नजरिये की समीक्षा करने के लिए 2021 के डेटा का इंतजार कर रहे हैं।’
विदेशी शिक्षा सलाहकारों मसलन लीवरेज एडु के संस्थापक और सीईओ (मुख्य कार्याधिकारी) अक्षय चतुर्वेदी का कहना है कि 2022 के मौजूदा प्रवेश सत्र में ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया के पक्ष में पलड़ा झुक सकता है। चतुर्वेदी ने कहा कि ऐसा इसलिए है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया अपनी सीमाओं को खोल रहा है और इसके साथ ही ब्रिटेन ने अपने पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा मानदंडों में संशोधन किया है ताकि उन्हें छात्रों के अनुकूल बनाया जा सके। इस बीच, कनाडा में कुछ कॉलेज बंद हो गए हैं ऐसे में लीवरेज एडु के मौजूदा आवेदन में शुरुआती रुझान में उलटफेर दिख रहा है। उन्होंने कहा, ‘2020 और 2021 में ऑस्ट्रेलिया जाने के इच्छुक कई छात्रों को सीमाओं के बंद होने की वजह से कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका को चुनना पड़ा। अब, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा में विस्तार करने की घोषणा की है और कनाडा को कुछ विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में 2022 का प्रवेश सत्र पिछले साल की तुलना में थोड़ा अलग हो सकता है।’
फिर भी, पूर्ण संख्या के संदर्भ में अमेरिका में जाने वाले भारतीय छात्रों की सबसे अधिक संख्या हो सकती है। ओपन डोर्स रिपोर्ट 2021 के अनुसार, भारतीय छात्रों में अमेरिका में लगभग 20 प्रतिशत विदेशी छात्र शामिल थे जिसमें 2020-2021 शैक्षणिक वर्ष के 167,582 छात्र थे। विदेश में अध्ययन करने के इच्छुक छात्रों के लिए भारत का सबसे बड़ा मंच योकेट के सह-संस्थापक, तुमुल बुच भी चतुर्वेदी के आकलन से सहमत हैं। उन्होंने कहा कि न केवल ब्रिटेन ने पोस्ट-स्टडी वर्क वीजा नीति को बदला है जिससे वहां जाने वाले छात्रों की संख्या में दो-तीन गुना वृद्धि हुई है बल्कि अमेरिका ने भी हाल ही में वीजा साक्षात्कार को खत्म कर दिया है। वीजा अब केवल दस्तावेजों के आधार पर जारी किया जाएगा जैसा कि अन्य जगहों के लिए किया जाता है।
बुच ने कहा, ‘ये अच्छे बदलाव हैं और इससे छात्रों और उद्योग की मदद होगी। हमारे आवेदनों की संख्या अब तक सबसे अधिक रही है। अमेरिका हमारे लिए 2022 के लिए प्रमुख जगह होगा।’ अप्लाइडबोर्ड द्वारा हाल ही में किए गए एक अध्ययन में भी पाया गया कि जुलाई 2021 में घोषित यूके के नए ग्रैजुएट रूट से भारत के अधिक छात्रों देश में जा सकते हैं। अप्लाईबोर्ड के कन्दोई का कहना है, ‘नए ग्रैजुएट रूट के तहत जिन छात्रों को ब्रिटेन से स्नातक या स्नातकोत्तर डिग्री हासिल होती है वे अपनी डिग्री लेने के बाद दो साल तक देश में रहकर आवेदन करने के लिए सक्षम हैं।’
इसके अलावा जिन छात्रों ने अपनी पीएचडी पूरी कर ली है वे देश में काम का अनुभव हासिल करने के लिए तीन साल तक ब्रिटेन में रहने के लिए आवेदन कर सकते हैं। अप्लाइडबोर्ड ने पिछले साल की तुलना में 2021 में ब्रिटेन जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की।

First Published - March 20, 2022 | 11:10 PM IST

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