U.S. President Donald Trump (PC- Reuters)
India-US Trade Deal: अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कहा कि अमेरिका और भारत के बीच जल्द ही एक नई ट्रेड डील फाइनल हो सकती है, जिसमें मौजूदा के मुकाबले काफी कम टैरिफ (शुल्क) होंगे। उन्होंने कहा कि इससे दोनों देशों के बीच फेयर कॉम्पिटिशन को बढ़ावा मिलेगा।
ट्रंप ने कहा, “मुझे लगता है कि हमारी इंडिया के साथ डील हो जाएगी, और ये एक अलग तरह की डील होगी। ये हमें कॉम्पिटिशन का मौका देगी। फिलहाल तो इंडिया किसी को अंदर आने ही नहीं देता, लेकिन अगर ये बदला तो हम कम टैरिफ वाली डील कर लेंगे।”
ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि भारत अब अमेरिकी कंपनियों के लिए अपने मार्केट की एंट्री आसान करने को तैयार है। इससे दोनों देशों के बीच समझौता संभव हो सकता है और वह 26% टैरिफ भी टल सकता है, जिसकी उन्होंने 2 अप्रैल को घोषणा की थी। यह टैरिफ अभी 9 जुलाई तक के लिए होल्ड पर है।
अमेरिका और भारत के बीच ट्रेड डील को लेकर बातचीत अब आखिरी दौर में पहुंच चुकी है। अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी स्कॉट बेसेंट ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा कि दोनों देशों के बीच ऐसी डील लगभग तैयार है, जिससे भारत में जाने वाले अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर टैक्स (टैरिफ) कम हो सकता है।
उन्होंने कहा, “हम भारत के काफी करीब हैं,” जब उनसे बातचीत के स्टेटस के बारे में पूछा गया। इस समझौते से भारत को अगले हफ्ते से लागू होने वाले भारी टैरिफ इंक्रीज़ से भी राहत मिल सकती है।
भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार समझौते (Bilateral Trade Agreement – BTA) को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत तेज हो गई है। यह बातचीत 9 जुलाई की अहम डेडलाइन से पहले हो रही है, जो प्रस्तावित टैरिफ बढ़ोतरी पर 90 दिन की रोक का आखिरी दिन है।
ANI की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की ओर से मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में वॉशिंगटन पहुंचे प्रतिनिधिमंडल ने अपनी यात्रा कुछ और दिनों के लिए बढ़ा दी है। बातचीत पहले गुरुवार और शुक्रवार तक तय थी, लेकिन अब इसे आगे बढ़ाया गया है क्योंकि दोनों देश एक अंतरिम समझौता जल्द से जल्द फाइनल करने की कोशिश में लगे हैं।
बातचीत का यह दौर ऐसे समय हो रहा है जब 26 फीसदी रेसिप्रोकल टैरिफ दोबारा लागू होने का खतरा बना हुआ है। ये टैरिफ पहली बार 2 अप्रैल को ट्रंप सरकार के दौरान लगाए गए थे, जिन्हें 90 दिन के लिए रोका गया था। अगर तय समय तक कोई समझौता नहीं होता है, तो ये टैरिफ ऑटोमैटिकली फिर से लागू हो सकते हैं।