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कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद बिन खलीफा अल थानी की 17-18 फरवरी को भारत यात्रा के दौरान, भारतीय उद्योग परिसंघ ने उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के साथ साझेदारी में नई दिल्ली में भारत-कतर संयुक्त व्यापार मंच का आयोजन किया। इस संयुक्त व्यापार मंच में वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल और कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी उपस्थित थे।
संयुक्त व्यापार मंच के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने विकसित भारत दृष्टिकोण के अनुरूप 2047 तक 30-35 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने की भारत की महत्वाकांक्षा पर जोर दिया। उन्होंने बताया कि भारत और कतर के बीच सफल ऊर्जा व्यापार का लंबा इतिहास रहा है, लेकिन अब इस साझेदारी का भविष्य हाइड्रोकार्बन से आगे बढ़कर एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, आईओटी और सेमीकंडक्टर आदि जैसे अत्याधुनिक क्षेत्रों तक फैला हुआ है।
गोयल ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के साथ-साथ बदलती भू-राजनीतिक गतिशीलता है और साइबर सुरक्षा के बढ़ते खतरे के बीच आत्मनिर्भरता हमारी प्रमुख प्राथमिकता बन गई है। भारत और कतर के पास अलग-अलग प्रतिस्पर्धी लाभ होने के कारण दोनों देश एक-दूसरे की ताकत को पूरक बनाने की स्थिति में हैं और नवाचार को आगे बढ़ाने तथा भविष्य के उद्योगों को आकार देने में भागीदार हो सकते हैं। चूंकि दोनों देश परिवर्तनकारी बदलाव की ओर बढ़ रहे हैं, इसलिए यह साझेदारी उद्यमशीलता, प्रौद्योगिकी और स्थिरता के स्तंभों पर टिकी होगी।
गोयल ने कारोबार करने की लागत कम करने और कारोबार करने में आसानी (EODB) को बढ़ावा देने में भारत के प्रमुख सुधारों पर प्रकाश डाला, तथा वैश्विक निवेशकों के लिए इसे विश्वसनीयता और स्थिरता का बेहतरीन स्थान बताया। कतर को भारत की गतिशील और सुदृढ़ अर्थव्यवस्था में अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित करते हुए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत का विजन 2047 और कतर का राष्ट्रीय विजन 2030 रणनीतिक आर्थिक सहयोग के एक नए युग को आकार देगा। उन्होंने आपसी हितों के क्षेत्रों पर एक संयुक्त कार्य समूह बनाने का भी सुझाव दिया और कतर के व्यवसायिकों को गिफ्ट सिटी (गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी) में अवसरों का पता लगाने के लिए आमंत्रित किया।
उद्घाटन सत्र को अपने संबोधन के दौरान कतर के वाणिज्य और उद्योग मंत्री शेख फैसल बिन थानी बिन फैसल अल थानी ने कहा कि कतर और भारत के बीच संबंध महज एक लेन-देन नहीं है, यह आपसी सम्मान, साझा हितों और आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर आधारित एक परंपरा है। भारत-कतर व्यापार साझेदारी फल-फूल रही है और भारत कतर का तीसरा सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार बन गया है। उन्होंने भारतीय निवेशकों को कतर की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचे के भीतर विशाल अवसरों का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया।
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने भारत की गतिशील आर्थिक वृद्धि और नवाचार-संचालित प्रणाली पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि भारत ने पिछले दशक में 40,000 अनुपालन सुधारों के माध्यम से 709 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है। उन्होंने अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से लेकर कृषि तक विभिन्न उद्योगों में 1,55,000 से अधिक स्टार्टअप के साथ नवाचार में भारत के नेतृत्व पर भी जोर दिया।
प्रसाद ने बताया कि इंडिया स्टैक (डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर का एक समूह ) डिजिटल पहुंच, वित्तीय समावेशन और इंटरनेट को सर्वसुलभ बनाने में क्रांति ला रहा है। कतर नेशनल बैंक (क्यूएनबी) – नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) साझेदारी क्यूआर कोड-आधारित यूपीआई लेनदेन के माध्यम से डिजिटल भुगतान को और बढ़ाएगी। उन्होंने राष्ट्रीय विनिर्माण मिशन पर भी प्रकाश डाला, जो औद्योगिक क्षमता बढ़ाने और उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद देने पर केंद्रित है। इसके अलावा, उन्होंने कतर के प्रतिनिधिमंडल को भारत में आगामी स्टार्टअप महाकुंभ में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जिससे तकनीक और नवाचार प्रणाली में गहन सहयोग को बढ़ावा मिलेगा।
कतर के वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में विदेश व्यापार मामलों के राज्य मंत्री डॉ. अहमद अल-सईद ने इस बात पर प्रकाश डाला कि भारत और कतर उभरते वैश्विक व्यापार परिदृश्य में योगदान करने के लिए बेहतर स्थिति में हैं। उन्होंने पारंपरिक ऊर्जा क्षेत्र से परे दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने के महत्व पर जोर दिया ताकि इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), विनिर्माण और अन्य गैर-तेल एवं गैस क्षेत्रों जैसे उभरते उद्योगों में संभावनाएं तलाशी जा सकें।
कतर ने वैश्विक निवेशकों की मदद के लिए, कतर वित्तीय केंद्र (QFC) की स्थापना की है। यह व्यवसायों को आकर्षित करने और निजी इक्विटी निवेश को सुविधाजनक बनाने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। उन्होंने कहा कि कतर भारत के सबसे मजबूत वैश्विक भागीदारों में से एक है, जो अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक बेजोड़ पहुंच प्रदान करता है। इसके अलावा, अनुसंधान और विकास के लिए कतर विज्ञान और प्रौद्योगिकी पार्क एक आधार के रूप में काम करेगा, जबकि कतर में मीडिया सिटी का लक्ष्य शीर्ष मीडिया कंपनियों को आकर्षित करना है और प्रमुख क्षेत्रों में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कतर फ्री ज़ोन बनाया गया है।
डिजिटलीकरण में भारत की दक्षता और कतर की डिजिटल बदलाव की महत्वाकांक्षी योजना के साथ, भारत कतर को डिजिटल परिवर्तन के लिए प्रौद्योगिकी और पैमाना प्रदान करने के लिए बहुत ही बेहतरीन स्थिति में है। भारत-कतर संयुक्त व्यापार मंच में दक्षिण एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में भारत की स्थिति और मध्य पूर्व के लिए एक केंद्र के रूप में कतर की भूमिका पर प्रकाश डाला गया। चर्चा में शामिल हस्तियों ने कहा कि भारत और कतर के बीच उच्च गुणवत्ता वाले सौर ग्रिड पॉलीसिलिकॉन विनिर्माण में सहयोग की उच्च संभावना है।