भारत और यूरोपीय संघ (EU) ने मुक्त व्यापार समझौते (FTA) पर बातचीत के कार्य में तेजी लाए हैं। ब्रूसेल्स में बीते महीने चौथे दौर की बातचीत में माल, सेवाओं, निवेश और सार्वजनिक खरीदारी तक पहुंच मुहैया करवाने पर शुरुआती विचार-विमर्श हुआ।
दोनों पक्षों में व्यापार चैप्टर को लेकर ‘गहरी समझ’ विकसित हुई हैं लेकिन मतभेद हैं। यूरोपीय संघ की चौथे दौर की बातचीत पर जारी रिपोर्ट के मुताबिक भारत और ईयू मतभेदों को दूर करने के लिए परस्पर बातचीत जारी रखने पर राजी हुए थे।
डिजिटल कारोबार की ‘अच्छी प्रगति’ के तहत कई उपबंध हासिल किए गए। सरकारी खरीद के चैप्टर के तहत चर्चाएं हुई थीं और भारत ने ईयू के प्रारूप पर अतिरिक्त प्रस्ताव दिए थे। दोनों पक्षों में सभी तत्त्वों पर ‘लाभदायक चर्चाएं’ हुईं और इन पर सहमति बनाए जाएगी। यह भेदभाव नहीं करने के सिद्धांत पर आधारित है। बताया जाता है कि बहुत कम प्रावधानों पर चर्चा की जानी है जबकि ज्यादातर की भाषा तय हो चुकी है।
नई दिल्ली में पांचवें दौर की बातचीत 19 से 23 जून, 2023 तक होगी। इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनेशनल इकनॉमिक्स रिलेशन की प्रोफेसर अर्पिता मुखर्जी ने कहा, ‘‘यूरोपीय संघ व भारत के मुक्त व्यापार समझौते के चौथे चरण में कई चैप्टरों पर खासी प्रगति हुई है। जैसे डिजिटल व्यापार, एसएमई और चिरस्थायी खाद्य प्रणाली पर खासी प्रगति हुई। इन चैप्टरों में परस्पर लाभकारी सहयोग की संभावनाएं हैं। कुछ चैप्टर जैसे सामान, सेवाओं और एसपीएस वार्ताकारों में अंतरसत्र बातचीत हुई।’’
भारत और यूरोपीय संघ ने बीते साल मुक्त व्यापार समझौते के लिए औपचारिक रूप से बातचीत शुरू की थी। यह बातचीत बीते नौ वर्षों से अटकी हुई थी। हालांकि दोनों पक्षों का लक्ष्य 2024 की शुरुआत तक बातचीत के निष्कर्ष पर पहुंचना है। भारत के लिए निर्यात का दूसरा सबसे बड़ा गंतव्य यूरोपीय संघ है।