भारत ने अपने नागरिकों को कनाडा में रहते हुए ज्यादा सावधानी बरतने की चेतावनी दी है और और संकेत दिया कि उनकी सुरक्षा को खतरा है। ऐसे में यह साफ हो रहा है कि दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद गहराता जा रहा है। यह जानकारी ब्लूमबर्ग ने दी।
भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी की गई एडवाइजरी में कहा गया है कि विशेष रूप से छात्रों को ‘सतर्क रहना चाहिए’। इस एडवाइजरी का लक्ष्य कनाडा के कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में भाग लेने वाले युवा भारतीयों की बड़ी आबादी को ओर है।
भारत से कनाडा जाने वाले लोगों की संख्या काफी ज्यादा है और यहां तक कि भारत कनाडा में अप्रवासियों (immigrants) और विदेशी छात्रों का नंबर वन सोर्स है, और दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक और निवेश संबंध हैं। लेकिन प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) की तरफ से भारत सरकार आरोप लगाया और कहा कि भारत सरकार ने एक प्रमुख सिख अलगाववादी नेता की हत्या की साजिश रची है। इसके बाद दोनों देशों में तनातनी बढ़ गई और अब दोनों देश सार्वजनिक रूप से झगड़ रहे हैं।
भारत ने आरोप से इनकार किया, और कनाडा में रहने वाले या यात्रा की योजना बना रहे सभी भारतीय नागरिकों को कनाडा में बढ़ती भारत विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से क्षमा किए जाने वाले घृणा अपराधों (hate crimes) और आपराधिक हिंसा को देखते हुए चेतावनी दी है।
अगर भारतीयों ने विदेश मंत्रालय की एडवाइजरी के हिसाब से फैसला लिया, तो कनाडा की अर्थव्यवस्था को नुकसान हो सकता है। भारत से भारी मात्रा में लोग कनाडा घूमने के लिए जाते हैं यानी टूर पर जाते हैं और इससे कनाडा को जमकर पैसा मिलता है। कनाडा सरकार को पर्यटन से जो हिस्सा मिलता है उसमें से गैर निवासियों का हिस्सा करीब एक-चौथाई होता है।
कैनेडियन फेडरेशन ऑफ स्टूडेंट्स के अंतरराष्ट्रीय छात्र प्रतिनिधि दमनप्रीत सिंह के अनुसार, कुछ छात्र पहले से ही सलाह और खराब संबंधों की वजह से घबराए हुए हैं। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से आप्रवासन (immigration) को प्रभावित करेगा। दोनों सरकारों को इस मामले को जल्द से जल्द सुलझाने की जरूरत है।
कनाडा के आव्रजन मंत्री मार्क मिलर (Immigration Minister Marc Miller ) ने बुधवार को भारत की चेतावनी का खंडन किया। उन्होंने ओटावा में संवाददाताओं से कहा, ‘किसी भी स्टैंडर्ड के अनुसार, कनाडा दुनिया में सबसे सुरक्षित नहीं तो सबसे सुरक्षित देशों में से एक है, जो कानून के शासन द्वारा शासित होता है। लोगों को वह बयान पढ़ना चाहिए कि वह क्या है।’
बुधवार को अलग से, व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद (White House National Security Council) के प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा कि अमेरिका इस मुद्दे पर कनाडा के साथ समन्वय (coordinate) और परामर्श कर रहा है।
उन्होंने एक बयान में कहा, ‘यह एक गंभीर मामला है और हम कनाडा के चल रहे कानून प्रवर्तन प्रयासों का समर्थन करते हैं। हम भारत सरकार से भी बातचीत कर रहे हैं।’