facebookmetapixel
भारी बारिश और चक्रवात मोंथा से कपास उत्पादन 2% घटने का अनुमान, आयात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने की उम्मीदSpicejet Q2FY26 results: घाटा बढ़कर ₹635 करोड़ हुआ, एयरलाइन को FY26 की दूसरी छमाही में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीदRetail Inflation: खुदरा महंगाई अक्टूबर में घटकर कई साल के निचले स्तर 0.25% पर आई, GST कटौती का मिला फायदाGold ETFs में इनफ्लो 7% घटकर ₹7,743 करोड़ पर आया, क्या कम हो रही हैं निवेशकों की दिलचस्पी?चार्ट्स दे रहे ब्रेकआउट सिग्नल! ये 5 Midcap Stocks बना सकते हैं 22% तक का प्रॉफिट₹60 के स्मॉलकैप Metal Stock पर मिल सकता है 80% रिटर्न, ब्रोकरेज बोले – खरीदों; एंट्री का सही वक्तरूस से तेल सप्लाई रुकी तो क्या फिर बढ़ेंगे दाम? एक्सपर्ट बता रहे क्या होगा आगेHAL Q2FY26 results: पीएसयू डिफेंस कंपनी का मुनाफा 10% बढ़कर ₹1,669 करोड़, रेवेन्यू भी 11% बढ़ाAshok Leyland ने Q2 में किया धमाका! ₹9,588 करोड़ का रेवेन्यू, डिविडेंड का दिया तोहफाGemini AI विवाद में घिरा गूगल! यूजर्स की प्राइवेसी लीक करने के आरोप

Hottest month: समुद्र से आसमान तक बढ़ा तापमान, रिकॉर्ड तोड़ जुलाई बना अबतक का सबसे गर्म महीना

Copernicus Climate Change Service ने बताया कि जुलाई में विश्व का औसत तापमान 16.95°C दर्ज किया गया

Last Updated- August 08, 2023 | 5:23 PM IST
European scientists make it official. July was the hottest month on record by far

यूरोपीय जलवायु निगरानी संगठन ने आधिकारिक रूप से पुष्टि की है कि इस साल के जुलाई माह ने गर्मी के पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं और यह अबतक का सबसे गर्म महीना रहा है।

यूरोपीय संघ (EU) के अंतरिक्ष कार्यक्रम की इकाई कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस (Copernicus Climate Change Service) ने मंगलवार को घोषणा की है कि गत जुलाई में विश्व का औसत तापमान 16.95 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जो 2019 में दर्ज सबसे अधिक औसत तापमान से एक तिहाई (0.33) डिग्री सेल्सियस अधिक है।

वैज्ञानिकों ने कहा कि आमतौर पर वैश्विक तापमान का रिकॉर्ड एक डिग्री के 100वें या 10वें अंतर से टूटता है, इसलिए यह अंतर असामान्य है।

क्या होता है तापमान बढ़ने से? 

कोपरनिकस क्लाइमेट चेंज सर्विस की उपनिदेशक समांथा बर्गेस ने कहा कि इस रिकॉर्ड के लोगों और ग्रह दोनों के लिए गंभीर परिणाम होते हैं और ये बार-बार और अति कठोर मौसम के रूप में होते हैं।

अमेरिका के दक्षिण पश्चिम और मैक्सिकों में प्राणघातक गर्म हवाएं चल रही हैं और वैज्ञानिकों ने इसके लिए इनसानों द्वारा कोयला, तेल और प्राकृतिक जीवाश्म ईंधन के उपयोग से जलवायु परिवर्तन में होने वाले बदलाव को जिम्मेदार ठहराया है।

2 जुलाई से तापमान अपनी रफ्तार पर

दो जुलाई से ही महीने के दिन में पहले के रिकॉर्ड के मुकाबले अधिक तापमान दर्ज किया जा रहा था। तापमान का अंतर इतना अधिक था कि कोपरनिकस और विश्व मौसम विज्ञान संगठन ने असमान्य रूप से महीना समाप्त होने से पहले ही घोषणा कर दी कि यह संभवत: सबसे गर्म महीना रह सकता है जिसकी आधिकारिक पुष्टि अब की गई है।

वैज्ञानिकों के मुताबिक जुलाई 2023 में औद्योगिकी क्रांति से पूर्व के मुकाबले औसतन 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक तापमान दर्ज किया गया।

कोपरनिकस ने कहा कि पिछले महीने बहुत गर्मी थी और जुलाई 2023 में जुलाई 1991 से जुलाई 2020 के औसत तापमान से 0.7 डिग्री अधिक औसत तापमान दर्ज किया गया।

आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के समुद्रों का तापमान गत 30 साल के मुकाबले आधा डिग्री अधिक दर्ज किया गया और उत्तरी अटलांटिक महासागर का औसत तापमान से 1.05 डिग्री अधिक गर्म रहा। अंटार्कटिक सागर में इस साल औसत से 15 प्रतिशत कम समुद्री बर्फ जमी।

First Published - August 8, 2023 | 5:23 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

संबंधित पोस्ट