M3M Hurun India Rich List 2025: गोपीचंद हिंदुजा और उनका परिवार 1.85 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ एक बार फिर M3M हुरुन इंडिया रिच लिस्ट 2025 में सबसे अमीर एनआरआई (गैर-निवासी भारतीय) बने हैं। उनके करीब ही स्टील कारोबारी एलएन मित्तल और परिवार हैं, जिनकी संपत्ति 1.75 लाख करोड़ रुपये आंकी गई है। भारतीय उद्यमियों के वैश्विक प्रभाव को दर्शाती है। मेटल, टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर और रिटेल सेक्टर में भारतीय मूल के कारोबारी लंदन से लेकर सैन फ्रांसिस्को तक अपनी मौजूदगी दर्ज करा रहे हैं।
एम3एम हुरुन रिच लिस्ट 2025 में तीसरे स्थान पर सैन जोस स्थित साइबर सिक्योरिटी दिग्गज Zscaler के संस्थापक जय चौधरी हैं, जिनकी संपत्ति 1.46 लाख करोड़ रुपये है। इससे साफ होता है कि टेक्नोलॉजी क्षेत्र में भारतीय मूल के उद्यमियों का दबदबा लगातार बढ़ रहा है।
रिसोर्स इंडस्ट्री से वेदांता रिसोर्सेज के अनिल अग्रवाल और परिवार 1.11 लाख करोड़ रुपये के साथ चौथे स्थान पर हैं, जबकि अब मोनाको में बसे शापूर पलोनजी मिस्त्री और परिवार 88,650 करोड़ रुपये के साथ पांचवें पायदान पर हैं।
लंदन स्थित इंडोरामा के उद्योगपति श्रीप्रकाश लोहिया 87,700 करोड़ रुपये के साथ छठे स्थान पर हैं, जो इस बात को दर्शाता है कि लंदन अब भी भारतीय मूल की संपत्ति का अहम केंद्र है।
सातवें नंबर पर मेलबर्न स्थित सांवर्धन मोथर्सन इंटरनेशनल के विवेक चंद सेहगल और परिवार हैं, जिनकी संपत्ति 57,060 करोड़ रुपये है। टेक्नोलॉजी में फिर से भारतीय मूल की पहचान दिखती है—सैन फ्रांसिस्को की Arista Networks की सीईओ जयश्री उल्लाल, जिनकी संपत्ति 50,170 करोड़ रुपये पहुंच गई है, वह इस सूची में सबसे सफल महिला बनी हैं।
अबू धाबी स्थित लुलु ग्रुप के रिटेल कारोबारी युसुफ अली एमए 46,300 करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ नौवें स्थान पर हैं, जबकि इंडिगो एयरलाइंस के सह-संस्थापक और अब फ्लोरिडा में बसे राकेश गैंगवाल और परिवार 42,790 करोड़ रुपये के साथ टॉप-10 सूची को पूरा करते हैं।
सामूहिक रूप से, 2025 की हुरुन सूची में शामिल इन 10 भारतीय मूल के उद्यमियों की कुल संपत्ति 8.9 लाख करोड़ रुपये से अधिक है, जो स्टील, टेक्नोलॉजी, कंस्ट्रक्शन, रिटेल और एविएशन जैसे विविध उद्योगों में फैली है।
हुरुन इंडिया के फाउंडर और चीफ रिसर्चर अनस रहमान जुनेद का कहना है कि भारतीय मूल के उद्यमी लंदन से लेकर सिलिकॉन वैली और अबू धाबी तक वैश्विक स्तर पर संपत्ति बनाने की नई कहानियां गढ़ रहे हैं। यह भारत की उद्यमशीलता की डीएनए और दुनियाभर में बढ़ते दबदबे को दर्शाता है। यह रैंकिंग बताती है कि विदेशों में बसे भारतीय केवल स्टील और रिसोर्स जैसे पारंपरिक क्षेत्रों में ही नहीं, बल्कि साइबर सिक्योरिटी, क्लाउड कंप्यूटिंग और ग्लोबल रिटेल जैसे नए युग के उद्योगों में भी अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं।