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अमेरिका में ‘स्कैम’ बना H-1B वीजा? फ्लोरिडा गवर्नर ने बोला हमला, भारतीयों को ठहराया जिम्मेदार!

H1b Visa Row: फ्लोरिडा गवर्नर रॉन डीसैंटिस ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम को 'धोखा' बताया, जबकि समर्थकों का कहना है कि यह अमेरिकी मजदूर बाजार की जरूरतें पूरी करता है।

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सुरभि ग्लोरिया सिंह   
Last Updated- August 27, 2025 | 2:30 PM IST

H-1B visa row: फ्लोरिडा के गवर्नर रॉन डीसैंटिस (Florida Governor Ron DeSantis) ने एच-1बी वीजा प्रोग्राम को लेकर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने इसे “पूरी तरह से धोखा” करार दिया और कहा कि इसके जरिये अमेरिकी कंपनियां अपने ही कर्मचारियों को हटाकर सस्ते विदेशी मजदूरों को नौकरी देती हैं। उनका दावा है कि इन वीजा होल्डर में ज्यादातर भारतीय होते हैं और इससे एक तरह का कारोबार खड़ा हो गया है।

डीसैंटिस ने फॉक्स न्यूज से बातचीत में कहा कि कई बार कंपनियां अमेरिकी कर्मचारियों से ही H-1B Visa पर आए लोगों को ट्रेनिंग दिलवाती हैं और फिर उन्हीं अमेरिकियों को नौकरी से निकाल देती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि जब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पहले से ही अमेरिकी युवाओं की नौकरियां प्रभावित कर रहा है, तो ऐसे में विदेश से और मजदूर बुलाने की जरूरत क्यों है।

उनका कहना था कि “कुछ कंपनियां बड़ी संख्या में अमेरिकियों की छंटनी करती हैं और उसी दौरान नए H-1B visa पर लोगों की भर्ती भी करती हैं या पुराने वीजा को रिन्यू कराती हैं।”

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हालांकि इस वीजा के समर्थकों का कहना है कि H-1B प्रोग्राम अमेरिकी मजदूर बाजार की कमी को पूरा करता है, खासकर साइंस और टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में। वॉशिंगटन डीसी स्थित अमेरिकन इमिग्रेशन काउंसिल ने हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा कि प्रवासी और स्थानीय कर्मचारी अलग-अलग स्किल लेकर आते हैं और एक-दूसरे के पूरक साबित होते हैं। इसके अलावा विदेशी कर्मचारी अमेरिका में रहकर पैसा खर्च करते हैं, निवेश करते हैं, नए कारोबार शुरू करते हैं और नई सोच के साथ विकास को आगे बढ़ाते हैं।

इसी बीच, अमेरिकी प्रशासन में भी इस नीति पर मतभेद सामने आए हैं। कॉमर्स सेक्रेटरी हॉवर्ड लुटनिक ने भी इसे “स्कैम” बताते हुए ट्वीट किया और ग्रीन कार्ड व H-1B में बदलाव की बात कही। उन्होंने एक नया “गोल्ड कार्ड” प्रस्ताव भी रखा, जिसके तहत जो विदेशी निवेशक अमेरिका में 5 मिलियन डॉलर लगाएंगे, उन्हें स्थायी निवास दिया जा सकता है।

वहीं राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप का एच-1बी वीजा को लेकर रुख लगातार बदलता रहा है। कभी वे इसे अमेरिकी नौकरियों के लिए खतरा बताते हैं तो कभी इसकी वकालत करते हैं। जनवरी 2025 में दूसरी बार राष्ट्रपति बनने के बाद ट्रंप ने व्हाइट हाउस में ओरेकल के लैरी एलिसन, सॉफ्टबैंक के मासायोशी सोन और ओपनएआई के सैम ऑल्टमैन के साथ मंच साझा किया और इस वीजा का समर्थन किया।

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ट्रंप ने कहा, “मुझे दोनों पक्षों की दलीलें पसंद हैं, लेकिन मैं चाहता हूं कि हमारे देश में बेहद योग्य लोग आएं। मैंने खुद भी एच-1बी प्रोग्राम का इस्तेमाल किया है। चाहे होटल के स्टाफ हों या इंजीनियर, हमें बेहतरीन लोगों की जरूरत है।”

हालांकि अपने पहले कार्यकाल के दौरान उन्होंने इस पर कई तरह की पाबंदियां लगाई थीं और 2016 में चुनाव प्रचार के दौरान इसे विदेशी कर्मचारियों से अमेरिकी नौकरियों को छीनने वाला प्रोग्राम बताया था।

 

First Published : August 27, 2025 | 1:42 PM IST