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भारत से 60 से ज्यादा कामगारों का पहला जत्था पहुंचा इजराइल, करना होगा ये काम

इजराइली परीक्षकों द्वारा आयोजित ‘स्क्रीनिंग टेस्ट’ के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच इस तंत्र को अमली डामा पहनाया गया है।

Last Updated- April 03, 2024 | 3:12 PM IST
Under the agreement between the governments, the first batch of workers reached Israel from India सरकारों के बीच हुए समझौते के तहत कामगारों का पहला जत्था भारत से इजराइल पहुंचा

भारत के 60 से ज्यादा कामगारों का पहला जत्था इजराइल पहुंच गया है। ये कामगार इजराइल में प्रशिक्षित मजदूरों की कमी का सामना कर रहे निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के मकसद से दोनों देशों की सरकारों (जी2जी) के बीच हुए समझौते के तहत यहां पहुंचे हैं।

बिचौलियों को दूर रखने और इजराइली परीक्षकों द्वारा आयोजित ‘स्क्रीनिंग टेस्ट’ के माध्यम से भर्ती प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने के लिए दोनों देशों की सरकारों के बीच इस तंत्र को अमली जामा पहनाया गया है।

इजराइली परीक्षकों ने भारत का दौरा किया था और उन्होंने भारतीय एजेंसियों के साथ इस प्रक्रिया में समन्वय भी किया था। निर्माण मजदूरों का पहला जत्था मंगलवार शाम को देश पहुंचा।

भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिलोन ने मंगलवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘(दोनों देशों के बीच) समझौते के तहत इजराइल जाने वाले 60 से अधिक भारतीय निर्माण श्रमिकों के पहले जत्थे को रवाना करने के लिए विदाई समारोह आयोजित किया गया। यह भारत के राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) सहित कई लोगों की कड़ी मेहनत का परिणाम है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे यकीन है कि ये कामगार भारत और इजराइल के बीच पी2पी (लोगों के बीच) संबंधों के महान ‘दूत’ बनेंगे।’’ इससे पहले कारोबारियों के बीच (बी2बी) समझौते के तहत पिछले कुछ महीनों में 900 से ज्यादा कामगार भारत से यहां आ चुके हैं।

निर्माण उद्योग के सूत्रों ने धीमी गति पर निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि तीन महीने के दौरान ‘इजराइली कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन’ (आईसीए) द्वारा आयोजित ‘स्क्रीनिंग टेस्ट’ के माध्यम से भारत और श्रीलंका के 20,000 से अधिक कामगारों को निर्माण क्षेत्र में नौकरियों के लिए मंजूरी दी गई थी, लेकिन अबतक करीब एक हजार मजदूर ही यहां आए हैं।

उन्होंने देरी के लिए “नौकरशाही से जुड़ी प्रक्रियाओं” को जिम्मेदार ठहराया जिसमें सरकारों से विभिन्न अनुमतियां प्राप्त करना शामिल है। बताया जाता है कि ज्यादातर चयनित कामगारों ने अपनी मौजूदा नौकरियों से इस्तीफा दे दिया है और वे इजराइल में काम करने के लिए वीजा मिलने का इंतजार कर रहे हैं।

एक सूत्र ने कहा, ‘‘इजराइली सरकार ने बार-बार इन प्रक्रियाओं को तेज करने के अपना इरादा प्रदर्शित किया है, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो सका है।”

माना जाता है कि इजराइल में सभी हितधारकों ने सरकार के साथ अपनी चर्चा में प्रक्रिया तेज करने के लिए कई योजनाओं का प्रस्ताव दिया है।

‘इजराइली कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन’ ने कहा, “सरकार ने हमें जो काम सौंपा, उसे रिकॉर्ड गति से पूरा किया गया। हमने कई हफ्ते पहले कामगारों के चयन के तीन दौर पूरे कर लिए थे, जिसमें 20,000 से अधिक कामगारों को काम पर रखने करने के लिए पेशेवर मंजूरी दी गई थी।”

First Published - April 3, 2024 | 3:12 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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