Ebrahim Raisi Death: ईरान (Iran) के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के शिष्य और ईरान-इराक युद्ध के अंत में 1988 में हजारों राजनीतिक कैदियों को सामूहिक फांसी दिए जाने में शामिल रहे ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) की सोमवार को एक हेलीकॉप्टर हादसे में मौत हो गई। वह 63 वर्ष के थे।
राष्ट्रपति रईसी (President Raisi) के नेतृत्व में ईरान ने हथियार बनाने के आवश्यक स्तर तक यूरेनियम संवर्धन किया एवं देश ने इजराइल पर बड़े पैमाने पर ड्रोन एवं मिसाइल हमले किए।
उत्तर-पश्चिमी ईरान में रविवार को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में रईसी के साथ ईरान के विदेश मंत्री और अन्य अधिकारियों की ऐसे समय में अचानक मौत हो गई जब ईरान आंतरिक असंतोष और दुनिया के कई देशों के साथ अपने संबंधों को लेकर संघर्ष कर रहा है।
साल 2021 में राष्टपति बने थे रईसी
मौलवी रईसी ने एक बार संयुक्त राष्ट्र में दुनिया को संबोधित करने से पहले इस्लाम में पवित्र मानी जाने वाली पुस्तक कुरान को चूमा था और एक नेता के बजाय एक उपदेशक की तरह अपनी बात रखी थी। रईसी 2017 में अपेक्षाकृत उदारवादी नेता हसन रूहानी के हाथों राष्ट्रपति चुनाव हार गए थे लेकिन चार साल बाद वह सत्ता में आए।
इस चुनाव में सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने बहुत सोच-समझकर मतदान का प्रबंधन किया ताकि रईसी के खिलाफ कोई बड़ा उम्मीदवार खड़ा नहीं हो सके। रईसी ऐसे समय में राष्ट्रपति बने, जब वैश्विक शक्तियों और रूहानी के बीच हुआ परमाणु समझौता अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पीछे हटने के कारण असफल हो गया था। ट्रंप के इस कदम के कारण ईरान और अमेरिका के बीच नए सिरे से तनाव पैदा हो गया।
भले ही रईसी ने समझौते में फिर से शामिल होने की इच्छा जताई लेकिन उनका प्रशासन अंतरराष्ट्रीय निरीक्षण से बचता रहा। समझौते को बहाल करने के लिए वियना में बातचीत उनकी सरकार के शुरुआती महीनों में रुकी रही।
रईसी ने सितंबर 2021 में संयुक्त राष्ट्र से कहा था, ‘‘प्रतिबंध लगाना दुनिया के देशों के साथ अमेरिका के युद्ध करने का नया तरीका है।’’ उन्होंने कहा था, ‘‘अधिक से अधिक उत्पीड़न की नीति अब भी बरकरार है। जिस पर हमारा हक है, हम उससे अधिक कुछ नहीं मांग रहे।’’
हिजाब नहीं पहनने के कारण हिरासत में ली गई महसा अमीनी की मौत के बाद 2022 में देशभर में व्यापक पैमाने पर प्रदर्शन हुए थे। रईसी के कार्यकाल में प्रदर्शनकारियों पर महीनों चली कार्रवाई में 500 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी और 22,000 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था।
संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक जांच समिति ने बाद में पाया था कि ईरानी अधिकारियों द्वारा की गई ‘‘शारीरिक हिंसा’’ के कारण अमीनी की मौत हुई थी। इसके बाद 2023 में इजराइल और हमास के बीच युद्ध हुआ जिसमें ईरान समर्थित मिलिशिया ने इजराइल को निशाना बनाया।
तेहरान ने अप्रैल में इजराइल पर एक असाधारण हमला किया, जिसमें सैकड़ों ड्रोन, क्रूज मिसाइल और बैलिस्टिक मिसाइल दागी गईं। हालांकि इजराइल, अमेरिका और उसके सहयोगियों ने इनमें से अधिकतर मिसाइलों को मार गिराया था।
खामेनेई ने ईरान के पूर्व अटॉर्नी जनरल रईसी को 2016 में इमाम रजा परमार्थ संगठन के संचालन के लिए नियुक्त किया था जो ईरान में कई कारोबारों का प्रबंधन करता है। संगठन में रईसी को नियुक्त करते समय खामेनेई ने उन्हें ‘‘अत्यधिक अनुभव वाला भरोसेमंद व्यक्ति’’ कहा था।
इसके बाद विश्लेषकों ने अटकलें लगाईं कि खामेनेई रईसी को ईरान के तीसरे सर्वोच्च नेता के संभावित उम्मीदवार के रूप में तैयार कर रहे हैं।
कौन होता हैं ईरान का सर्वोच्च नेता ?
ईरान का सर्वोच्च नेता एक शिया मौलवी होता है जो सरकार संबंधी सभी मामलों में अंतिम निर्णय लेता है और देश के कमांडर-इन-चीफ के रूप में काम करता है।
रईसी 2017 में राष्ट्रपति पद का चुनाव हार गए थे और उन्हें लगभग एक करोड़ 60 लाख वोट मिले थे। खामेनेई ने उन्हें ईरान की न्यायपालिका का प्रमुख बनाया। ईरानी न्यायपालिका को मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पश्चिमी देशों से संबंध रखने वाले लोगों के मामले में बंद कमरे में सुनवाई करने के लिए जाना जाता है।
अमेरिका ने ‘‘किशोरावस्था में अपराध करने वाले व्यक्तियों की फांसी की प्रशासनिक निगरानी करने और ईरान में कैदियों को यातना दिए जाने एवं उनके साथ अन्य क्रूर, अमानवीय या अपमानजनक व्यवहार करने के कारण’’ रईसी पर 2019 में प्रतिबंध लगा दिया था।
वर्ष 2021 के चुनाव में रईसी के लिए चुनौती पेश कर सकने वाले उम्मीदवारों को खामेनेई के नेतृत्व वाली एक समिति द्वारा अयोग्य ठहराए जाने के बाद वह आसानी से राष्ट्रपति चुने गए। इस चुनाव में मात्र दो करोड़ 89 लाख लोगों ने मतदान किया जो ईरान के इतिहास में अब तक का सबसे कम मतदान है। इस चुनाव में रईसी को करीब 62 प्रतिशत वोट मिले।
चुनाव जीतने के बाद जब एक संवाददाता सम्मेलन में रईसी से ईरान-इराक युद्ध के बाद 1988 में राजनीतिक कैदियों को दी गई सामूहिक फांसी के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने इससे जुड़े आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। इस दौरान राजनीतिक कैदियों, प्रदर्शनकारियों और अन्य लोगों को फांसी दी गई थी। जिस समिति ने सामूहिक फांसी की सजा सुनाई थी, रईसी उसके सदस्य थे।
पैगंबर मुहम्मद के वंश से संबंध रखते हैं रईसी
रईसी का जन्म 14 दिसंबर, 1960 को मशहद में ऐसे परिवार में हुआ था, जो इस्लाम के पैगंबर मुहम्मद के वंश से संबंध रखता है और उसकी पहचान उसकी काली पगड़ी से होती है।
रईसी जब पांच वर्ष के थे तब उनके पिता का निधन हो गया था। वह शियाओं के पवित्र शहर कोम स्थित एक मदरसे में गए और उन्होंने बाद में खुद को उच्च श्रेणी के शिया मौलवी-अयातुल्ला के रूप में वर्णित किया। रईसी के परिवार में पत्नी और दो बेटियां हैं।