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Dubai Expat Population: दुबई की बढ़ती प्रवासी आबादी से इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बढ़ा दबाव, रियल एस्टेट और पर्यटन में उछाल

दुबई में ज्यादा सैलरी वाली नौकरियों की तलाश में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं, जिससे इसकी लगभग 115 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को फायदा हो रहा है।

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एजेंसियां   
Last Updated- October 14, 2024 | 3:49 PM IST

महामारी के बाद दुबई की अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ी है, जिसका असर पिछले महीने साफ दिखा। उसी दिन अफ्रीका के सबसे अमीर व्यक्ति ने दुबई में अपने फैमिली ऑफिस की योजना बताई, सैंटेंडर ग्रुप ने भी अपनी सेवाएं बढ़ाने का ऐलान किया।

दुबई में ज्यादा सैलरी वाली नौकरियों की तलाश में बड़ी संख्या में लोग आ रहे हैं, जिससे इसकी लगभग 115 अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था को फायदा हो रहा है। लेकिन इससे दुबई के इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमजोरियां भी सामने आ रही हैं। फिलहाल दुबई की आबादी 38 लाख है, जो 2040 तक बढ़कर 58 लाख होने की उम्मीद है।

इससे दुबई की जनसंख्या सिंगापुर के करीब पहुंच जाएगी और महामारी के बाद बड़ा बदलाव दिखेगा। 2020 से अब तक करीब 4 लाख लोग यहां आ चुके हैं, जो कम टैक्स, सुरक्षा और बड़े बाज़ारों के नजदीक होने की वजह से आ रहे हैं। इस बढ़त ने दुबई की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है, जिससे इस साल दुबई का शेयर बाज़ार दुनिया में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वालों में शामिल हो गया है। इसमें एमिरेट्स एनबीडी बैंक, टोल कंपनी सलीक और दुबई बिजली और पानी विभाग जैसी कंपनियों का बड़ा हाथ है। लेकिन इस तेज़ी की कुछ चुनौतियां भी हैं।

दुबई में व्यापारी, वकील और बैंकर बड़ी संख्या में आकर महंगे दामों पर संपत्ति खरीद रहे हैं, जिससे घरों की कीमतें और किराए बढ़ रहे हैं। इसके अलावा, स्कूल में दाखिले के लिए भी प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। दुबई में पब्लिक ट्रांसपोर्ट की सुविधा सीमित है और अक्सर सड़कों पर ट्रैफिक जाम रहता है। हालांकि, लंदन, न्यूयॉर्क और रियाद की तुलना में दुबई में ट्रैफिक के कारण कम समय बर्बाद होता है, यह जानकारी टॉमटॉम के डेटा से मिली है।

अबू धाबी कमर्शियल बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री मोनिका मलिक के मुताबिक, दुबई की यह तेज़ी इस दशक में भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि जीवनशैली, व्यापार में आसानी और आयकर की सुविधाएं इस विकास को आगे बढ़ा रही हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जीवन को और बेहतर बनाने के लिए बड़े निवेश की उम्मीद है।

दुबई का 2040 का मास्टर प्लान शहर को और टिकाऊ बनाने पर काम कर रहा है। साथ ही, इस साल शुरू की गई सोशल एजेंडा 33 शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं और समाजिक सेवाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान दे रही है। दुबई के बड़े प्रोजेक्ट्स में 5 अरब डॉलर की लागत से मेट्रो का विस्तार और 8.2 अरब डॉलर का ड्रेनेज नेटवर्क शामिल है। यह नेटवर्क भारी बारिश के कारण आने वाली बाढ़ से निपटने के लिए बनाया जा रहा है।

वित्तीय हब में उछाल

दुबई का वित्तीय हब (DIFC) इस बढ़त का सबसे बड़ा उदाहरण है। पिछले पांच सालों में यहां काम करने वाले लोगों की संख्या 70% बढ़ी है। हेज फंड और बड़े बैंक जैसे स्टेट स्ट्रीट यहां आ रहे हैं। इस साल DIFC में नई कंपनियों की रिकॉर्ड संख्या आने की उम्मीद है, और इसके लिए तीन नए ऑफिस टावर बनाए जा रहे हैं। पूरे शहर में ऑफिस की मांग बढ़ गई है और इस साल की दूसरी तिमाही में 91% से ज्यादा ऑफिस स्पेस भरा हुआ है, जो अन्य वित्तीय हब में गिरावट के विपरीत है।

दुबई का यह बदलाव महामारी के समय शुरू हुआ, जब दुबई ने जल्दी पर्यटकों का स्वागत करना शुरू कर दिया था। आसान वीजा नियमों के चलते कई क्रिप्टो करोड़पति, एशिया के बैंकर और डिजिटल घुमक्कड़ यहां बसने लगे। 2022 में यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद भी कई अमीर रूसी दुबई आ गए।

ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स मिडिल ईस्ट के मुख्य अर्थशास्त्री स्कॉट लिवरमोर के अनुसार, पश्चिम एशिया और रूस के युद्धों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर उतना बुरा असर नहीं पड़ा जितना सोचा गया था। उन्होंने कहा, “खाड़ी देशों और दुबई में अभी भी अच्छा विकास हो रहा है। जब तक इन संघर्षों में कोई बड़ा बदलाव नहीं होता, यह विकास जारी रहेगा।”

दुबई में बड़ी संख्या में लोगों के आने से रियल एस्टेट सेक्टर में तेजी आई है। रियल एस्टेट कंपनी JLL के मुताबिक, पिछले 16 तिमाहियों से घरों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और महामारी के बाद से सिंगल फैमिली विला के किराए में 86% तक इज़ाफ़ा हुआ है। ब्लूमबर्ग के आंकड़ों के अनुसार, 2019 से दुबई में संपत्ति की कीमतें लंदन और सिंगापुर से ज्यादा तेजी से बढ़ी हैं। डेवलपर्स भी इस मांग को पूरा करने के लिए सक्रिय हैं और अगले दो सालों में 90,000 नए घर बाजार में आने की उम्मीद है।

कई प्रवासी, जो दुबई में घर खरीदने या किराए पर लेने में सक्षम नहीं हैं, शारजाह जैसे नजदीकी इलाकों में देख रहे हैं। सविल्स शारजाह के प्रमुख शेन ब्रीन के अनुसार, शारजाह के एक नए बिल्डिंग में दो-तिहाई से ज्यादा किराएदार दुबई से आए थे। इसका एक नकारात्मक पहलू यह है कि सड़कों पर ट्रैफिक और बढ़ गया है। हजारों लोग रोजाना शारजाह और दूसरे अमीरात से दुबई आने-जाने के लिए घंटों ट्रैफिक में फंसते हैं।

स्कूलों में भी प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है। 2024 में अब तक स्कूलों में दाखिले 8% बढ़े हैं। WhichSchoolAdvisor.com के सह-संस्थापक जेम्स मुलन ने कहा कि 90% प्रवासी दुबई के सरकारी स्कूलों में प्रवेश नहीं ले सकते, इसलिए माता-पिता को स्कूल की फीस पर बड़ी रकम खर्च करनी पड़ रही है। मुलन ने कहा, “अधिकांश अच्छे स्कूल पूरी तरह से भरे हुए हैं और कई स्कूलों में लंबी वेटिंग लिस्ट है।” अगले तीन सालों में 15 नए स्कूल खुलने की उम्मीद है।

पर्यटन में उछाल

दुबई की अर्थव्यवस्था में पर्यटन का बड़ा योगदान है और यह क्षेत्र भी तेजी से बढ़ रहा है। इस साल जुलाई तक दुबई में 10.6 मिलियन पर्यटक आए, जो पिछले साल की तुलना में 8% अधिक हैं। दुबई एक प्रमुख विमानन केंद्र भी है, और इस साल दुबई हवाई अड्डे से रिकॉर्ड 91.8 मिलियन यात्रियों के गुजरने की उम्मीद है।

1960 में केवल 40,000 लोगों वाला दुबई अब बड़ी आबादी का सामना कर रहा है, लेकिन अमीरात का लक्ष्य है कि वह और निवेश और व्यापार को आकर्षित करे। इसके लिए नागरिकों, निवासियों और पर्यटकों के लिए अरबों डॉलर की नई योजनाएं बनाई जा रही हैं। ऑक्सफोर्ड इकोनॉमिक्स मिडिल ईस्ट के स्कॉट लिवरमोर ने कहा कि अगले कुछ सालों में विकास की रफ्तार थोड़ी धीमी हो सकती है, लेकिन दुबई के पास इस बढ़ती आबादी और अन्य चुनौतियों से निपटने की योजना है। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)

First Published : October 14, 2024 | 3:49 PM IST