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China birth incentive: जनसंख्या संकट से जूझ रहा है चीन, बच्चा पैदा करने पर देगा ₹1.30 लाख का इनाम

China Population Crisis: जनसंख्या घटने की चिंता के बीच चीन सरकार ने बच्चों के लिए ₹1.30 लाख तक की सब्सिडी देने की योजना लागू की है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- July 30, 2025 | 10:31 AM IST

China birth incentive: जनसंख्या घटने की चिंता के बीच चीन की सरकार ने बच्चों की परवरिश को आसान बनाने के लिए नई आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। इस योजना के तहत माता-पिता को एक बच्चे के लिए कुल 1,500 डॉलर (करीब ₹1.30 लाख) तक की सहायता राशि दी जाएगी। यह लाभ इस साल की शुरुआत से ही प्रभावी माना जाएगा, यानी यह रेट्रोस्पेक्टिव होगा।

बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, यह योजना 2022 से 2024 के बीच पैदा हुए बच्चों पर भी लागू होगी, लेकिन इस अवधि में जन्मे बच्चों के परिवारों को आंशिक यानी कुछ हिस्से की सब्सिडी दी जाएगी।

गौरतलब है कि चीन की स्थानीय सरकारें बीते कुछ समय से जन्म दर को बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं लागू कर रही हैं। इसी कड़ी में यह नई पहल की गई है, ताकि परिवारों को बच्चों के पालन-पोषण में मदद मिल सके और देश की गिरती जनसंख्या पर लगाम लगाई जा सके।

बीते कुछ वर्षों में चीन की जन्म दर तेजी से गिरी है। वर्ष 2016 में जहां प्रति 1,000 आबादी पर 13.6 जन्म होते थे, वहीं 2023 में यह आंकड़ा घटकर केवल 6.3 रह गया। यानी सात साल में यह दर आधे से भी कम हो चुकी है।

चीन में लंबे समय तक चली ‘एक बच्चा नीति’ (One Child Policy) को इस गिरावट का बड़ा कारण माना जा रहा है। इस नीति की वजह से कई दंपतियों ने केवल एक ही बच्चा पैदा किया और अब देश को जनसंख्या में गिरावट जैसी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

सरकार की नई स्कीम खास तौर पर उन इलाकों में लागू की जा रही है जहां जन्म दर बेहद कम है। इसके जरिए सरकार चाहती है कि युवा परिवार दो या तीन बच्चों को अपनाने की सोचें ताकि भविष्य में कामकाजी आबादी की कमी न हो।

शहरी चीन में महिलाएं नहीं बढ़ाना चाहती परिवार, सरकार की योजनाओं को लग सकता है झटका

चीन सरकार लगातार लोगों को ज्यादा बच्चे पैदा करने के लिए प्रेरित कर रही है। इसके लिए आर्थिक प्रोत्साहन योजनाएं भी लाई जा रही हैं। लेकिन शहरी इलाकों की महिलाओं का नजरिया इस लक्ष्य के रास्ते में सबसे बड़ी चुनौती बनकर उभर रहा है।

आज की युवा चीनी महिलाएं शादी और बच्चों को लेकर पहले जैसी सोच नहीं रखतीं। करियर को प्राथमिकता देना, बच्चों की परवरिश में पर्याप्त सहयोग का न मिलना और बढ़ती महंगाई जैसे कारणों से वे अब परिवार बढ़ाने से कतराने लगी हैं। नतीजा यह है कि शहरी क्षेत्रों में जन्मदर तेजी से गिर रही है।

सरकार ने परिवार बढ़ाने के लिए कई तरह की आर्थिक मदद और सुविधाएं देने का ऐलान किया है, लेकिन इस सामाजिक बदलाव की वजह से इन योजनाओं का असर सीमित हो सकता है।

सवाल यह भी है कि क्या ये योजनाएं सिर्फ छोटे शहरों और गांवों तक ही असर दिखा पाएंगी या देश के बड़े महानगरों में भी बदलाव ला सकेंगी? क्योंकि अभी तक शहरी महिलाओं में इन नीतियों के प्रति रुझान काफी कम दिखाई दे रहा है।

चीन की जनसंख्या में लगातार तीसरे साल गिरावट

चीन की जनसंख्या में गिरावट का सिलसिला 2024 में भी जारी रहा। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, लगातार तीसरे साल देश की आबादी में कमी दर्ज की गई है।

हालांकि 2024 में जन्म दर में थोड़ी बढ़ोतरी देखने को मिली और करीब 9.54 लाख बच्चों का जन्म हुआ, लेकिन यह वृद्धि चीन की कुल जनसंख्या को स्थिर रखने के लिए पर्याप्त नहीं रही।

नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स के अनुसार, देश की कुल जनसंख्या अब भी लगभग 1.4 अरब है, लेकिन यह जनसंख्या तेजी से बुजुर्ग हो रही है।

विशेषज्ञों का मानना है कि बुजुर्गों की बढ़ती संख्या और घटती जन्म दर बीजिंग के लिए बड़ी जनसांख्यिकीय चुनौती बनती जा रही है।

First Published : July 30, 2025 | 10:31 AM IST