अमेरिका की दूसरी सबसे बड़ी तेल और गैस कंपनी शेवरॉन कॉरपोरशन एशिया में दो नई गैस परियोजनाएं लगाएगी।
गैस की बढ़ती कीमतों और मांग को देखते हुए कंपनी ने यह कदम उठाया है। शेवरॉन के अधिकारियों ने बताया कि थाईलैंड में 120 अरब डॉलर की दो गैस परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है और एक तरलीकृत प्राकृतिक गैस परियोजना शुरु करने की भी योजना है, जो उत्तर पश्चिमी एशिया स्थित व्हीटस्टोन से गैस का इस्तेमाल करेगी।
शेवरॉन पहले से ही उत्तर पश्चिमी आस्ट्रेलिया की एक बड़ी गैस परियोजना गॉरगन एलएनजी के लिए प्रतिबद्ध है। ऐसे में प्लेटांग गैस परियोजना थाईलैंड के खाड़ी क्षेत्र में कंपनी की प्रसंस्करण क्षमता क ो 42 करोड़ क्यूबिक फीट बढ़ा देगी।
शेवरॉन के एशिया प्रशांत क्षेत्र में उत्पादन और अन्वेषण अध्यक्ष जिम ब्लैकविल ने बताया कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के तेल और गैस के सबसे बड़े उपभोक्ता के रूप में उभरने का अनुमान है।
अगर 20वीं सदी तेल का युग थी तो 21वीं सदी प्राकृतिक गैस का युग बन कर उभर रही है। एशियाई क्षेत्र की जबर्दस्त आर्थिक प्रगति और प्रदूषण रहित ईंधन की मांग को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी का अनुमान है कि वर्ष 2015 तक एलएनजी की मांग दोगुना बढ़कर 40 करोड़ क्यूबिक टन पहुंच जाएगी।
शेवरॉन ने यह जानकारी भी दी कि उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के पिबारा में स्थित व्हीटस्टोन की शुरुआती क्षमता सालाना 50 लाख टन होगी जिसे बाद में बढ़ाया जा सकता है।
पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया प्राकृतिक गैस में काफी समृध्द है और यहां कईं एलएनजी विकास परियोजनाएं चल रही हैं।