इजरायल और हमास के बीच चल रहे संघर्ष के बीच, अमेरिकी रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन और इजरायली रक्षा मंत्री योव गैलेंट के बीच मुलाकात हुई।
इजराइल और हमास के बीच करीब ढाई महीने से जारी युद्ध के बीच अमेरिका के रक्षामंत्री लॉयड ऑस्टिन सोमवार को तेल अवीव पहुंचे। ऑस्टिन की इस यात्रा को अमेरिका की कूटनीतिक परीक्षा माना जा रहा है क्योंकि इससे स्पष्ट होगा कि अमेरिका फलस्तीनियों पर विनाशकारी असर के बावजूद इजराइल का पूर्ण समर्थन जारी रख है या नहीं। साथ ही ऑस्टिन के लिए इजराइल को गाजा में लक्षित हमले के लिए मनाने की भी चुनौती होगी ताकि आम फलस्तीनियों को कम से कम नुकसान हो।
इजराइल के करीबी माने जाने वाले फ्रांस, ब्रिटेन और जर्मनी सप्ताहांत में युद्ध विराम लागू करने की वैश्विक मांग में शामिल हो गए हैं। इजराइल में इजराइली सेना द्वारा गलती से चलाई गई गोली में तीन बंधकों की मौत के बाद सभी बंधकों को रिहा कराने के लिए हमास से नए सिरे से बातचीत को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं।
प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने जोर देकर कहा है कि इजराइल तब तक लड़ता रहेगा जब तक वह हमास को सत्ता से उखाड़ नहीं फेंकता और सात अक्टूबर के हमले के बाद समूह द्वारा बंधक बनाए गए सभी लोगों को छुड़ा नहीं लेता। सात अक्टूबर के हमले के बाद ही इजराइल ने गाजा में जवाबी कार्रवाई शुरू की थी।
अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में संघर्ष विराम के प्रस्ताव को वीटो कर दिया था और नागरिकों को नुकसान पहुंचाने से बचने के लिए बड़े कदम उठाने के लिए दबाव डालते हुए अपने करीबी सहयोगी इजराइल को हथियारों की आपूर्ति की थी।
ऑस्टिन और ज्वाइंट चीफ चेयरमैन जनरल सीक्यू ब्राउन सोमवार को तेल अवीव पहुंचे। उम्मीद है कि वे हफ्तों की भारी बमबारी और जमीनी हमले के बाद इजराइली नेताओं पर युद्ध के एक नए चरण में जाने के लिए दबाव डालेंगे।
अमेरिकी अधिकारियों ने हमास नेताओं को खत्म करने, सुरंगों को नष्ट करने और बंधकों को बचाने के उद्देश्य से लक्षित अभियानों का आह्वान किया है।
गाजा में हमास शासित सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि करीब 10 सप्ताह से जारी युद्ध में कुल 18,700 फलस्तीनी मारे गए हैं जिनमें अधिकतर महिलाएं और बच्चे हैं। वहीं गाजा की कुल 23 लाख आबादी में से 19 लाख (85 प्रतिशत)लोगों को अपना घर छोड़ना पड़ा है।
इजराइल के मुताबिक हमास के सात अक्टूबर के हमले में उसके करीब 1200 लोग मारे गए थे और करीब 240 लोगों को बंधक बनाया गया था। इजराइली सेना के मुताबिक युद्ध में उसके 126 सैनिक मारे गए हैं।