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ECI ने राहुल गांधी के मतदाता सूची धांधली आरोपों को किया खारिज, विपक्ष पर भ्रामक दावे फैलाने का लगाया इल्जाम

चुनाव आयोग ने राहुल गांधी के मतदाता सूची धांधली आरोपों को खारिज किया और बिहार चुनावों के लिए पारदर्शी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन में वेरिफाइड वोटर लिस्ट जारी करने की पुष्टि की।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- August 17, 2025 | 4:05 PM IST

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने रविवार को विपक्ष के मतदाता सूची में धांधली के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि चुनाव आयोग किसी भी राजनीतिक दल के साथ भेदभाव नहीं कर सकता। उन्होंने साफ किया कि मतदाता सूची में सिर्फ वही लोग शामिल हैं, जिनका नाम पहले से दर्ज है और वही लोग वोट डालकर अपने उम्मीदवार को चुनते हैं। आयोग का यह बयान उस विषय पर आया है जब विपक्षी नेता राहुल गांधी ने हाल ही में बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा की महादेवपुरा विधानसभा सीट पर 2024 के चुनाव में एक लाख से ज्यादा वोटों की चोरी का आरोप लगाया था। राहुल का दावा था कि इस वजह से कांग्रेस उम्मीदवार की हार हुई।

मुख्य चुनाव आयुक्त ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कुछ दिन पहले कई मतदाताओं की तस्वीरें बिना उनकी इजाजत के मीडिया में दिखाई गईं और उनके खिलाफ आरोप लगाए गए। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या चुनाव आयोग को किसी मतदाता, चाहे वह मां, बहू या बेटी हो, का CCTV फुटेज शेयर करना चाहिए? उन्होंने जोर देकर कहा कि मतदाता सूची में दर्ज लोग ही वोट डालते हैं। चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से उनके “गलत” आरोपों के लिए या तो स्पष्टीकरण देने या देश से माफी मांगने को कहा है।

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बिहार में मतदाता सूची की विशेष जांच

ज्ञानेश कुमार ने बिहार में होने वाले चुनावों के लिए मतदाता सूची की स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) प्रक्रिया के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कम से कम 1,60,000 बूथ लेवल एजेंट्स ने ड्राफ्ट मतदाता सूची तैयार की है। इस सूची को हर बूथ पर सभी राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स ने हस्ताक्षर करके वेरीफाई किया है। मतदाताओं ने अब तक 28,370 दावे और आपत्तियां दर्ज की हैं। 

उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर सभी मतदाता, राजनीतिक दल और बूथ लेवल अधिकारी पारदर्शी तरीके से काम कर रहे हैं। सभी डॉक्यूमेंट्स को वेरिफिकेशन किया जा रहा है और वीडियो टेस्टिमोनियल भी लिए जा रहे हैं। कुमार ने चिंता जताई कि ये वेरिफाइड डॉक्यूमेंट्स और राजनीतिक दलों के जिला अध्यक्षों के बयान या तो उनके राज्य या राष्ट्रीय स्तर के नेताओं तक नहीं पहुंच रहे या फिर जानबूझकर भ्रम फैलाने की कोशिश की जा रही है।

First Published : August 17, 2025 | 3:46 PM IST