भारत और कतर ने आपसी संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक ले जाने का फैसला किया है। साथ ही अगले 5 साल में निवेश को दोगुना करने का भी लक्ष्य रखा गया। कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-सानी दो दिन के भारत दौरे पर आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मंगलवार को उनकी व्यापक बातचीत हुई। दोनों नेताओं ने व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा और लोगों से लोगों के संबंधों समेत कई महत्त्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उन्होंने आपसी हितों से जुड़े क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर भी विस्तृत वार्ता की। कांसुलर, पासपोर्ट और वीज़ा डिवीजन और प्रवासी भारतीय मामलों के सचिव अरुण कुमार चटर्जी ने कहा कि दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार को मौजूदा 14.08 अरब डॉलर से बढ़ाकर दोगुना करने की प्रतिबद्धता जताई।
कतर के साथ भारत के संबंध तरलीकृत प्राकृतिक गैस (एलएनजी), तरलीकृत पेट्रोलियम गैस (एलपीजी) आपूर्ति से कहीं आगे तक विस्तारित हो चुके हैं। भारत को सबसे ज्यादा एलएनजी और एलपीजी कतर से ही आती है। अब कतर भी रणनीतिक साझेदारी के मामले में यूएई, सऊदी अरब, ओमान और कुवैत के बराबर खड़ा होगा, जिन्होंने पहले ही भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी का स्तर हासिल कर लिया है।
भारत कतर के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) की संभावना भी तलाश रहा है। सरकार अलग से गल्फ सहयोग परिषद के साथ एफटीए के लिए बातचीत कर रही है, जिसमें बहरीन, कुवैत, ओमान, कतर, सऊदी अरब और संयुक्त राज्य अमीरात (यूएई) जैसी तेल संसाधनों से समृद्ध छह अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं। कतर की संप्रभु एजेंसी कतर इन्वेस्टमेंट अथॉरिटी (क्यूआईए) मौजूदा समय में भारत के रिटेल, ऊर्जा, आईटी, शिक्षा, स्वास्थ्य और किफायती आवास जैसे क्षेत्रों में 1.5 अरब अमेरिकी डॉलर निवेश के साथ काम कर रही है। दोनों पक्षों ने बुनियादी ढांचा, बंदरगाह, जहाज विनिर्माण, नवीकरणीय ऊर्जा, स्मार्ट सिटी परियोजना, फूड पार्क और स्टार्टअप के साथ-साथ आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स और मशीन लर्निंग जैसे कई और क्षेत्रों को चिह्नित किया है, जिनमें क्यूआईए का निवेश बढ़ाया जा सकता है।
कतर के अमीर के साथ बड़ा कारोबारी प्रतिनिधिमंडल आया है, जिसने मंगलवार को बिजनेस फोरम में हिस्सा लिया। इस बैठक में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय निवेश बढ़ाने की प्रतिबद्धता जताई गई। इस दौरान संशोधित दोहरा कराधान बचाव समझौते (डीटीएए) पर भी हस्ताक्षर किए गए हैं।आर्थिक साझेदारी, अभिलेखागार और दस्तावेज़ीकरण, युवा मामलों और खेल में सहयोग पर भी समझौता हुआ है। इन्वेस्ट इंडिया ने निवेश को बढ़ावा देने के लिए अपने कतर समकक्ष के साथ एक समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए हैं। दोनों नेताओं की बैठक में गाजा, अफगानिस्तान के हालात और अन्य वैश्विक मुद्दों पर भी चर्चा हुई।
कतर के अमीर की यह दूसरी राजकीय यात्रा है। इससे पहले उन्होंने मार्च 2015 में भारत का दौरा किया था। विदेश मंत्रालय ने सोमवार को शुरू हुई यात्रा से पहले कहा था कि उनकी यात्रा हमारी मजबूत होती बहुआयामी साझेदारी को और गति प्रदान करेगी।