Assets of Rajya Sabha Members: करीब-करीब सभी राज्यों ने अपने राज्यसभा सांसदों का चुनाव कर लिया है। कई राज्यों में इस बार का चुनाव भी काफी हलचल वाला रहा, कुछ में नेताओं ने क्रॉस वोटिंग की तो कुछ में पार्टी से पाला ही पलट लिया। लेकिन इस दौरान एक दिलचस्प बात और सामने निकलकर आई और वह है सांसदों की संपत्ति। पिछली बार के Rajya Sabha Election मुकाबले इस बार चुने गए सांसद कहीं ज्यादा अमीर पाए गए।
हाल ही में हुए राज्यसभा चुनाव के बाद नए सांसदों के जुड़ जाने से 2024 में सांसदों की संपत्ति काफी बढ़ गई है। 15 राज्यों से भेजे गए राज्यसभा सांसदों में से 10 राज्य के सांसद ऐसे हैं, जिनकी औसत संपत्ति ( average assets) पहले के चुनावों में के मुकाबले काफी ज्यादा है।
2024 में अगर राज्यसभा सांसदों की संपत्ति की बात की जाए तो उत्तर प्रदेश के सांसदों की औसत संपत्ति 225 करोड़ रुपये है। जबकि, दूसरे नंबर पर आंध्र प्रदेश है, जिसके द्वारा चुने गए सांसदों की औसत संपत्ति 201 करोड़ रुपये पाई गई। अगर सभी 15 राज्यों के सांसदों की बात करें तो प्रत्येक राज्यों के राज्यसभा सांसदों की औसत संपत्ति 1 करोड़ रुपये है।
माध्यिका (median numbers ) एक ही तरह की यानी समान ट्रेंड दिखाती है, हर राज्य में राज्यसभा सांसदों की औसत संपत्ति कम से कम 1 करोड़ रुपये है। 118 करोड़ रुपये की मीडियन ऐसेट के साथ आंध्र प्रदेश इस लिस्ट में टॉप पर है। उत्तर प्रदेश के सांसदों की संपत्ति औसतन भले ही ज्यादा हो, लेकिन जब मीडियन नंबर निकाला जाए तो यह दूसरे नंबर पर खिसक जाता है।
सबसे अमीर नवनिर्वाचित सांसद उत्तर प्रदेश से हैं। जया बच्चन की सबसे ज्यादा 1578.9 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी है। टॉप-5 लिस्ट में जो अन्य लोग शामिल हैं उनमें मेदा रघुनाधा रेड्डी, नवीन जैन, प्रफुल्लभाई मनोहरभाई पटेल और गोविंदभाई लालजीभाई ढोलकिया शामिल हैं। इनकी प्रॉपर्टी 270 करोड़ रुपये से लेकर 480 करोड़ रुपये के बीच है।
नीचे के 5 सांसदों में से 4 की प्रॉपर्टी एक करोड़ रुपये है। पश्चिम बंगाल के बालयोगी उमेशनाथ सबसे गरीब राज्यसभा सांसद हैं। उनके पास 50 लाख रुपये की प्रॉपर्टी है।
हाल ही में हुए चुनाव के बाद कुल चुने गए 55 सांसदों की संपत्ति की कुल कीमत 4,658 करोड़ रुपये है। इसमें कर्नाटक के जी.सी. चंद्रशेखर का डेटा शामिल नहीं है, क्योंकि उनके बारे में जानकारी उपलब्ध नहीं थी। केंद्रीय बजट में संशोधित आंकड़ों के अनुसार 2023-24 के लिए चुनाव आयोग का खर्च 466.04 करोड़ रुपये था।
दिल्ली स्थित एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में हुए राज्यसभा चुनावों में जीतने वाले उम्मीदवारों की औसत संपत्ति (average assets) 84.7 करोड़ रुपये है, जो 2018 के मुकाबले 23 फीसदी ज्यादा है। 2018 में, उन्हीं 15 राज्यों के मौजूदा सांसदों (संसद सदस्यों) की औसत संपत्ति 68.9 करोड़ रुपये थी।
2019 के एक अध्ययन ‘Getting Rich Too Fast? Voters’ Reactions to Politicians’ Wealth Accumulation’ के मुताबिक, मतदाता नेताओं द्वारा कार्यालय से जुटाई गई रकम को अस्वीकार करते हैं और इसे भ्रष्टाचार और राजनीतिक हिंसा से जोड़ते हैं। इस अध्ययन में लीडेन यूनिवर्सिटी के साइमन चाउचर्ड, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी के मार्को क्लैन्जा और विलियम एंड मैरी कॉलेज के एस.पी. हरीश जैसे कई लोग शामिल थे। लेखकों ने कहा कि ऐसे राजनेता चुनाव जीतते रहते हैं।
इसमें कहा गया है, ‘मतदाताओं के पास आम तौर पर खुलासे के बारे में जानकारी की कमी होती है और कई लोग धन संचय को कुछ अन्य प्रमुख चिंताओं, जैसे कार्यालय में प्रदर्शन या जाति-आधारित अपीलों से कम तवज्जो देते हैं।’
2023 में किए गए अध्ययन ‘Billionaire Politicians: A Global Perspective’ से और पता चलता है कि दुनिया भर में बहुत अमीर लोग ही आने वाले समय में भी ऐसे पदों पर बैठे रहेंगे। इस अध्ययन में नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी के डैनियल क्रैकरिक, स्टीफन सी. नेल्सन और एंड्रयू रॉबर्ट्स सहित कई लेखक शामिल रहे। अध्ययन में 2,000 अरबपतियों को देखा गया और पाया गया कि 11 फीसदी ऐसे पदों पर बैठे हैं। यह ज्यादातर अन्य ग्रुप यानी पेशेवरों के मुकाबले ज्यादा है।