लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
Indigenous Defense Shield: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए एक स्वदेशी ‘एयर डिफेंस सिस्टम’ विकसित करने की घोषणा की। इस प्रणाली का नाम ‘सुदर्शन चक्र’ रखा गया है, जो भारत की महत्वपूर्ण सैन्य और नागरिक संपत्तियों की सुरक्षा करेगी और किसी भी दुश्मन के खतरे का करारा जवाब देगी। यह कदम पाकिस्तान और चीन से उभरती सुरक्षा चुनौतियों के बीच उठाया गया है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में विदेशी तकनीकों पर निर्भरता कम करने की बात पर भी जोर दिया। उन्होंने देश के युवाओं और इनोवेटर्स से अपील की कि वे भारत में ही लड़ाकू विमानों के लिए जेट इंजन विकसित करें, ताकि भविष्य की रक्षा तकनीक पूरी तरह स्वदेशी हो। इस घोषणा को हाल की घटनाओं से जोड़ा जा रहा है, जिसमें हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) और अमेरिकी कंपनी GE एयरोस्पेस के बीच भारत के अगली पीढ़ी के लड़ाकू विमानों के लिए जेट इंजन के संयुक्त उत्पादन का सौदा अटक गया है।
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प्रधानमंत्री ने ‘मिशन सुदर्शन चक्र’ की शुरुआत की घोषणा करते हुए कहा कि यह प्रणाली दुश्मन के खतरों को निष्प्रभावी करने के साथ-साथ भारत की आक्रामक क्षमताओं को और मजबूत करेगी। उन्होंने इस मिशन को भगवान कृष्ण के सुदर्शन चक्र से जोड़ा, जो भारत की समृद्ध सांस्कृतिक और पौराणिक विरासत से प्रेरणा लेता है। पीएम ने कहा कि यह मिशन भारत की रणनीतिक स्वायत्तता को दर्शाता है, जो किसी भी खतरे का तेज, सटीक और शक्तिशाली जवाब देने में सक्षम होगा। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि सुदर्शन चक्र प्रणाली इजरायल की आयरन डोम ‘एयर डिफेंस सिस्टम’ की तर्ज पर हो सकती है, जो मिसाइलों के खिलाफ एक प्रभावी ढाल के रूप में जानी जाती है।
इस घोषणा का समय भी महत्वपूर्ण है। हाल ही में पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर ने कथित तौर पर सीमा पर भारतीय संपत्तियों, खासकर गुजरात में रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के जामनगर रिफाइनरी को निशाना बनाने की बात कही थी। ऐसे में सुदर्शन चक्र मिशन भारत की रक्षा तैयारियों को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
प्रधानमंत्री ने स्वदेशी जेट इंजन के विकास पर भी खास जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत को अपनी रक्षा तकनीकों में आत्मनिर्भर बनना होगा। गौरतलब है कि करीब 35 साल पहले भारत ने स्वदेशी लड़ाकू विमानों के लिए कावेरी जेट इंजन परियोजना शुरू की थी, लेकिन यह अभी तक पूरी नहीं हो सकी। इस परियोजना पर अब तक 2,035 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं। यह परियोजना 1989 में कैबिनेट कमेटी ऑन सिक्योरिटी की मंजूरी के बाद शुरू हुई थी और इसका मकसद लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (LCA) प्रोग्राम के लिए इंजन तैयार करना था।
मोदी ने अपने भाषण में अप्रैल 2022 के पहलगाम हमले के बाद शुरू किए गए ऑपरेशन सिंदूर का भी जिक्र किया। इस ऑपरेशन के जरिए भारत ने पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) में आतंकी ढांचे को निशाना बनाया था। उन्होंने कहा कि इस ऑपरेशन में स्वदेशी हथियारों का इस्तेमाल भारत की आत्मनिर्भरता का सबूत है। पीएम ने जोर देकर कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए विदेशी निर्भरता पर भरोसा नहीं किया जा सकता।
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यह घोषणा भारत के रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक और कदम है, जो देश की सुरक्षा और तकनीकी क्षमताओं को और मजबूत करने की कोशिश को दर्शाता है।