भारत

PMMY: मुद्रा ऋण बढ़ने से घटा सब्सिडी आवंटन- SBI रिपोर्ट

Published by
निकेश सिंह
Last Updated- April 27, 2023 | 11:42 PM IST

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत ऋण का औसत आकार वित्त वर्ष 16 के 38,000 रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 23 में 72,000 करोड़ रुपये हो गया है। तरुण और किशोर योजना के तहत बढ़ी ऋण सीमा के तहत कर्ज लेने वालों की संख्या बढ़ रही है। इससे उद्यमों की वृद्धि को लेकर मध्य के अंतर की समस्याएं कम हो रही हैं। एसबीआई रिसर्च की गुरुवार को आई रिपोर्ट से यह जानकारी मिली है।

रिपोर्ट के मुताबिक वित्त वर्ष 19 से वित्त वर्ष 22 के बीच 30 राज्यों के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि 1 करोड़ रुपये मुद्रा ऋण जारी होने से राज्यों के सब्सिडी आवंटन में 1.67 करोड़ रुपये कमी आई है। मुद्रा योजना के तहत शिशु और तरुण योजनाओं की राज्यों की सब्सिडी घटाने में अहम भूमिका है।

पीएमएमवाई के तहत कर्ज को वित्त की जरूरतों और कारोबार की परिपक्वता की स्थिति के हिसाब से 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है। शिशु योजना के तहत 50,000 रुपये तक, किशोर योजना के तहत 50,000 से 5 लाख रुपये तक और तरुण योजना के तहत 5 लाख रुपये से 10 लाख रुपये तक कर्ज किया जाता है।

भारत में विनिर्माण क्षेत्र को मध्य के अंतर की समस्या के रूप में चिह्नित किया गया है, जिसमें छोटी व सूक्ष्म फर्में एक छोर पर रहती हैं और कुछ बड़ी फर्में दूसरी छोर पर रहती हैं। इसमें कहा गया है कि पीएमएमवाई ऋण अर्थव्यवस्था का बड़ा संकेतक बन गया है, जिसमें शिशु की हिस्सेदारी घट रही है और किशोर की हिस्सेदारी बढ़ रही है।

वित्त वर्ष 23 में दिए गए ऋण की मात्रा 36 प्रतिशत बढ़कर 4.5 लाख करोड़ रुपये हो गई है। रिपोर्ट से पता चलता है कि मुद्रा इंपावरमेंट मल्टीप्लायर (एमईएम) में तेजी से राज्य के सब्सिडी आवंटन पर उल्लेखनीय असर पड़ा है।

First Published : April 27, 2023 | 11:42 PM IST