हर साल की तरह 2024 में भी प्रकृति ने हमें भयावह कल की चेतावनी दी और देश-दुनिया में ऐसे हादसे हुए जो टाले भी जा सकते थे
जमींदोज पहाड़ियां: 30 जुलाई को केरल के वायनाड जिले में भारी बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और दो गांव पूरी तरह खत्म हो गए। इन गांवों में बने तमाम घर और वहां रहने वाले परिवार कीचड़ और मलबे में दब गए। इस घटना में 300 लोगों की मृत्यु हो गई और बड़ी तादाद में लोग लापता हो गए। पर्यावरणविदों के अनुसार इस क्षेत्र की नाजुक पारिस्थितिकी, अनिश्चित मॉनसून, बागान में होने वाली खेती और घनी होती आबादी भी इस त्रासदी की वजह हो सकते हैं।
केरल में हाल के वर्षों की यह सबसे भीषण आपदा है। कुछ अन्य लोगों ने ध्यान दिलाया कि पश्चिमी घाट के लिए एकीकृत चेतावनी प्रणाली नहीं है। इस भूस्खलन के बाद पीड़ितों के पुनर्वास के लिए धन राशि के आवंटन पर केंद्र और केरल सरकार के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला शुरू हो गया।
पानी में कब्र: अक्टूबर में भारी बारिश के कारण स्पेन में विनाशकारी बाढ़ आ गई जिसमें 200 लोगों को जान गंवानी पड़ी। स्थानीय स्तर पर दाना कहलाने वाली इस स्थिति के कारण पिछले पांच दशक में सबसे जानलेवा तूफान आया। अगले माह फिलिपींस में भारी बारिश और तेज हवा वाले टाइफून मान-यी के कारण भारी विनाश की स्थिति बनी। 20 लोगों को जान गंवानी पड़ी तथा तमाम घर और बिजली की लाइनें क्षतिग्रस्त हुईं।
राजधानी का घुटता दम: नवंबर के मध्य में समूची दिल्ली पर स्मॉग (धुएं और कोहरे का आवरण) की घनी चादर पसर गई। इससे शहर के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो गए और कई लोगों का दम घुटने लगा। दृश्यता कम होने के कारण सैकड़ों उड़ानों का मार्ग बदलना पड़ा या उन्हें रद्द करना पड़ा। इससे हवाई यातायात बुरी तरह बिगड़ गया। हवा में प्रदूषण बताने वाला एयर क्वालिटी इंडेक्स रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया और पाकिस्तान के लाहौर को पीछे छोड़कर दिल्ली दुनिया के सबसे प्रदूषित शहर के तौर पर बदनाम हो गया।
मौसम की अनिश्चितता: अक्टूबर में अंटार्कटिक क्षेत्र में सैटेलाइट की मदद से खींची गई तस्वीरों से पता चला कि बीते तीन दशक में वहां वनस्पति 10 गुना बढ़ गई है। हर वर्ष पारे का स्तर बढ़ने के साथ 2016 से 2021 के बीच इसमें बहुत तेजी आई। जंगल बढ़ने से आशंका पैदा हो गई है कि बर्फ से ढके इस महाद्वीप की पारिस्थितिकी हमेशा के लिए बदल सकती है। उसी महीने दक्षिण अमेरिका के सूखा प्रभावित क्षेत्र की सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला कि ग्रेट एमेजॉन बेसिन बहुत ज्यादा सिकुड़ गया है।
इससे उसकी समृद्ध जैव विविधता प्रभावित हुई है, आजीविका पर असर हुआ है और जलीय पारिस्थितिकी खतरे में पड़ गई है। पश्चिम एशिया में अल-जाफ के रेतीले इलाके में पहली बार बर्फबारी हुई क्योंकि अरब सागर के ऊपर की नम हवा अत्यधिक गर्म हवा से टकराई। इससे ओले गिरे और बारिश हुई। अफ्रीका में नवंबर में दो दिन की मूसलाधार बारिश ने मोरक्को में सहारा रेगिस्तान के इलाके को जलमग्न कर दिया। यही वजह है कि पांच दशक बाद वहां बाढ़ के हालात बने।
रेल हादसा: पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में 17 जून को सियालदह जा रही कंचनजंगा एक्सप्रेस में एक मालगाड़ी ने टक्कर मार दी, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई। जांच रिपोर्ट में पता चला कि कटिहार डिवीजन में वाकी-टॉकी उपकरण की बहुत कमी है।
अग्निकांड: 24 जुलाई को अमेरिका के कैलिफोर्निया में जानबूझकर एक जलती हुई कार को एक संकरी गली में धकेल दिया गया। इसके कारण भीषण आग लगी जिसने बड़े इलाके में घरों तथा इमारतों को निगल लिया। यह आग करीब 600 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैल गई। सूखी घास और हवा ने आग को भड़काया। पार्क फायर के नाम से चर्चित इस घटना में आग बुझाने के लिए हजारों अग्निशमनकर्मियों को लंब समय तक जूझना पड़ा।
छवि पर दाग: 28 जून को दो घंटे की मूसलाधार बारिश और तेज हवा के कारण दिल्ली हवाई अड्डे के प्रस्थान क्षेत्र के बाहर बने टिन शेड का एक हिस्सा गिर गया। उसके नीचे दबकर एक व्यक्ति की मौत हो गई और आठ लोग घायल हो गए। इस दौरान कई कारें क्षतिग्रस्त हो गईं। इसके बाद देश में बुनियादी ढांचे की गुणवत्ता पर सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गए।
भगदड़: इस साल 2 जुलाई को उत्तर प्रदेश के हाथरस में आयोजित एक सत्संग में भगदड़ मच गई थी। इस हादसे में 120 से अधिक लोगों की जान चली गई। आयोजन में करीब 2.5 लाख लोग शामिल हुए थे।