केंद्र ने शीर्ष अदालत से कहा है कि सरकार के पास मौजूद ‘संवेदनशील तथ्य’ विभिन्न उच्च न्यायालयों में मुख्य न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिशों के क्रियान्वयन में देरी की वजह हैं।
अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी ने प्रधान न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला तथा न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ को बताया कि उन्हें केंद्र सरकार से कुछ जानकारियां मिली हैं, जो संवेदनशील प्रकृति की हैं।
उन्होंने शीर्ष अदालत से यह भी कहा कि इन मुद्दों को सार्वजनिक करना न तो संस्थान के हित में होगा और न ही इसमें शामिल न्यायाधीशों के हित में।
वेंकटरमणी ने पीठ से कहा, “मैं जानकारियों और सुझावों को न्यायाधीशों के अवलोकन के लिए सीलबंद लिफाफे में रखना चाहूंगा।” मामले की सुनवाई अब 20 सितंबर को होगी।