बिजली क्षेत्र को धन मुहैया कराने वाली आरईसी लिमिटेड को नैशनल रूफटॉप सोलर स्कीम का काम सौंपा जा सकता है। केंद्र सरकार हरित ऊर्जा लक्ष्यों को हासिल करने के लिए विकेंद्रित सौर ऊर्जा पर ध्यान दे रहा है।
सूत्रों ने कहा कि योजना के लिए आरईसी लिमिटेड को नोडल एजेंसी बनाया जाएगा, जिससे इसकी पहुंच पूरे देश में हो सके और योजना की राह की अक्षमताएं दूर की जा सकें।
बिजली मंत्रालय इसके पहले कई राष्ट्रव्यापी योजनाओं के लिए आरईसी नोडल एजेंसी बना चुका है। इनमें दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना और सौभाग्य योजना प्रमुख हैं।
इसके अलावा आरईसी इस समय केंद्र की एक और प्रमुख योजना रिवैंप्ड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) चला रही है, जिसका मकसद राज्य सरकारों की बिजली वितरण कंपनियों (आरडीएसएस) की वित्तीय सेहत और परिचालन संबंधी कामकाज में सुधार करना है।
अधिकारियों ने कहा कि विभिन्न राष्ट्रीय योजनाओं में आरईसी ने सफलता से काम किया है और वह रूफटॉप सोलर में भी वह सफलता दोहरा सकती है, जो अभी ग्रिड से जुड़ी सौर ऊर्जा परियोजनाओं में बहुत पीछे है। देश में कुल स्थापित सौर बिजली उत्पादन क्षमता 73 गीगावॉट है।
इसमें जमीन पर स्थापित (बड़े पैमाने पर सौर ऊर्जा का उत्पादन करने वाली इकाइयां) क्षमता 56.9 गीगावॉट है। वहीं ग्रिड से जुड़े रूफटॉप सोलर की क्षमता 11 गीगावॉट और ऑफग्रिड क्षमता 2.75 गीगावॉट है।
अधिकारी ने कहा, ‘देश के हर इलाके में आरईसी के कार्यालय हैं। केंद्र की सार्वभौमिक विद्युतीकरण योजना के तहत के तहत इन्हें बनाया गया है। इसकी वजह से आरईसी को इस तरह की सेवाएं व कार्यक्रम देश के सभी राज्यों और जिलों में चलाने की सुविधा मिल जाती है।’
अब तक यह कार्यक्रम और पोर्टल नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय द्वारा चलाया जा रहा था। मंत्रालय ही फंड का वितरण, सेवा प्रदाता का चयन, परियोजना का आवंटन और नियमित निगरानी करता था।