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दीवाली के बाद वायु प्रदूषण में कमी, लगातार तीसरे साल किसी शहर की हवा नहीं हुई बदतर

दीवाली की अगली सुबह दिल्ली का एक्यूआई 339 रही, इस बार देश के किसी भी शहर में एक्यूआई 401 के पार नहीं पहुंची

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नितिन कुमार   
Last Updated- November 01, 2024 | 11:22 PM IST

भारत में लगातार तीसरे साल दीवाली की अगली सुबह किसी भी शहर की हवा बदतर नहीं हुई। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 401 होने पर हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में मानी जाती है, लेकिन इस साल देश के किसी भी हिस्से में एक्यूआई ने इस सीमा को पार नहीं किया। कई वर्षों बाद ऐसी स्थिति रही।

पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, इस साल दीवाली के अगले दिन देश के अधिकतर हिस्सों में हवा साफ रही और सिर्फ 12 शहरों में वायु गुणवत्ता बहुत खराब श्रेणी में रही, जो पिछले साल 53 शहरों में थी।

सीपीसीबी के आंकड़े बीते 24 घंटे के औसत पर आधारित होते हैं। 50 या उससे कम एक्यूआई को अच्छा माना जाता है जबकि वायु गुणवत्ता सूचकांक जब 51-100 होती है तो संतोषजनक श्रेणी में रहती है। 101 से 200 के बीच मध्यम प्रदूषण माना जाता है और 201 से 300 के बीच एक्यूआई को खराब श्रेणी में रखा जाता है। वायु गुणवत्ता सूचकांक जब 301 से 400 के बीच रहता है तो यह बहुत खराब और 400 के पार चले जाने पर इसे गंभीर श्रेणी में रखा जाता है।

पहले दीवाली की अगली सुबह आसमान में धुंध छाई रहती थी, खासकर सर्दियों का मौसम शुरू होने से और पटाखों के धुएं से प्रदूषण बढ़ जाता था। मगर हाल के वर्षों में इसमें बदलाव देखा जा रहा है। साल 2020 और 2021 सबसे प्रदूषित साल रहे थे। साल 2020 में देश के 12 शहरों में और साल 2021 में 22 शहरों में हवा गंभीर श्रेणी में थी। इस साल दीवाली के अगले दिन अंबाला में एक्यूआई 367 था, जो सबसे अधिक था।

वहीं, पिछले साल बिहार के बेगूसराय में सबसे ज्यादा एक्यूआई था। साल 2023 में वहां का एक्यूआई 382 था। उससे पहले साल 2022 में जोधपुर 337, साल 2021 में नोएडा 475 और साल 2020 में जिंद 457 एक्यूआई के साथ सबसे प्रदूषित शहर था।

इस बार दीवाली के अगले दिन राष्ट्रीय राजधानी में रहने वालों ने थोड़ी बहुत साफ सांस ली। शुक्रवार को दिल्ली का एक्यूआई 339 के साथ बहुत खराब श्रेणी में था। साल 2020 और 2021 में दिल्लीवासियों को सबसे ज्यादा परेशानियों का सामना करना पड़ा था। उन वर्षों में दीवाली के अगले दिन एक्यूआई गंभीर श्रेणी में रहता था। साल 2020 में एक्यूआई 435 और 2021 में 462 दर्ज किया था।

पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की दिल्ली के लिए वायु गुणवत्ता प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली ने आशंका जताई है कि शनिवार से लेकर सोमवार तक शहर की हवा बहुत खराब रह सकती है। उसके बाद भी हवा साफ होने की कोई उम्मीद नहीं है और अगले छह दिनों तक हवा बहुत खराब श्रेणी में ही रहने की उम्मीद है।

दिल्ली के वायु प्रदूषण में यह वृद्धि भी प्रतिबंध के बावजूद दीवाली की रात पूरी दिल्ली में लोगों के पटाखा जलाने के कारण हुई है। इसके अलावा मौसम भी प्रदूषण को बढ़ाने में अपना योगदान दे रहे हैं, जैसे- सर्दियों की शुरुआत के दौरान भी प्रदूषण बढ़ता है जबकि सड़कों की धूल, वाहन प्रदूषण और पंजाब एवं हरियाणा जैसे पड़ोसी राज्यों के किसानों द्वारा पराली जलाने से भी हर साल दिल्ली की हवा बदतर हो जाती है।

मगर इस बार पराली जलाने जैसी घटनाओं में तेजी से कमी आई है और इससे सैकड़ों शहरों में वायु गुणवत्ता पर दबाव कम हो गया है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के मुताबिक, पराली जलाने की घटनाएं पिछले साल के 16,329 से करीब आधी कम होकर इस साल 8,515 रह गई हैं। साल 2020 में सर्वाधिक 45,816 मामले दर्ज किए गए थे। उस लिहाज से इसमें भारी गिरावट दर्ज की गई है।

First Published : November 1, 2024 | 11:13 PM IST